कमलनाथ ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का किया रूख

आयोग ने अपने आदेश में कहा था, ‘‘...आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उन्हें (कमलनाथ को) जारी की गई सलाह की पूरी तरह से अवहेलना को लेकर आयोग मध्य प्रदेश विधानसभा के वर्तमान उपचुनावों के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का, राजनीतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) का दर्जा तत्काल प्रभाव से समाप्त करता है।’’ आयोग ने कहा था कि कमलनाथ को स्टार प्रचारक के रूप में प्राधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अब से यदि कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता है तो यात्रा, ठहरने और दौरे से संबंधित पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार करेंगे।’’ चुनाव आयोग ने कहा था कि उसने इस मामले पर गंभीरता से विचार कियाऔर अप्रसन्नता के साथ महसूस किया कि एक राजनीतिक दल का नेता होने के बावजूद कमलनाथ बार-बार आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों तथा नैतिक और गरिमामय व्यवहार का उल्लंघन कर रहे हैं।’’अब जनता फ़ैसला करेगी।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 30, 2020
मेरी आवाज़ को रोकने का, दबाने का प्रयास है।
कांग्रेस की आवाज़ को कुचलने का प्रयास है।
सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।
जनता सच्चाई का साथ देगी।
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आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ उनकी टिप्पणी का उल्लेख किया। उन्होंने एक हालिया चुनावी कार्यक्रम में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ माफिया और मिलावट खोर’ शब्दों का इस्तेमाल किया था। आयोग ने पिछले हफ्ते कमलनाथ को चुनाव प्रचार में आयटम जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करने को कहा था। कमलनाथ ने एक रैली में मंत्री और भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी पर निशाना साधने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था। आयोग ने 29 सितम्बर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी और आदर्श चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई थी। उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान एक नवम्बर को समाप्त हो जायेगा।