नकुल नाथ की राजनीतिक पारी शुरू, ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुख्यमंत्री बनने का सपना खतरे में

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रेनू तिवारी । Aug 8 2018 7:11PM

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव साल के अंत में होने वाले हैं और इस बार मध्यप्रदेश की राजनीति में कांग्रेस कुछ नये चहरे लेकर आने वाली है इस बार कांग्रेस युवाओं को आगे बढ़ा रही है इन्हीं युवा नामों में एक बड़ा नाम है

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव साल के अंत में होने वाले हैं और इस बार मध्यप्रदेश की राजनीति में कांग्रेस कुछ नये चहरे लेकर आने वाली है इस बार कांग्रेस युवाओं को आगे बढ़ा रही है इन्हीं युवा नामों में एक बड़ा नाम है नकुलनाथ का जी हां नकुलनाथ इस बार अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं।

कांग्रेस के बड़े नेता और मध्यप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ सकते है छिंदवाड़ा से नौ बार रह चुके नकुलनाथ के पिता इस बार बेटे को टिकट दिलाना चाहते हैं। दरअसल कांग्रेस की कमान मिलने के बाद कमलनाथ ने अपने बेटे नकुल नाथ को प्रदेश की राजनीति में लांच कर दिया है। 

2014 में दिये थे राजनीति में आने के संकेत

वैसे वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नकुल नाथ ने अपनी भावी राजनीतिक रणनीति के संकेत दिए थे। नकुल नाथ ने कहा था कि वे वर्ष 2019 का चुनाव छिंदवाड़ा से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कमलनाथ ने अपनी सधी हुई राजनीति का परिचय देते हुए भोपाल में नकुल नाथ को लॉन्च कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ ने अपने पुत्र नकुल नाथ को एक सोची समझी रणनीति के तहत कांग्रेस के मंच पर बैठाया था।

नकुल नाथ के पास पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं हैं। कार्यभार ग्रहण करने के कार्यक्रम में कमलनाथ के साथ मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, प्रतिपक्ष के नेता अजय सिंह और प्रदेश के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली पंक्ति में बैठे हुए थे।

नकुल नाथ की राजनीति में एंट्री

कमलनाथ की मप्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मंगलवार को ताजपोशी के साथ ही उनके बेटे नकुलनाथ की भी राजनीति में एंट्री की भी अटकलें कुछ इसी तरह से लगाई जा रही हैं। नकुलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में जरूर कांग्रेस की विभिन्न् गतिविधियों के साथ-साथ कमलनाथ के चुनाव प्रबंधन का काम भी संभालते रहे हैं। कांग्रेस कार्यालय में जब नकुलनाथ से राजनीति में आने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं सक्रिय राजनीति में नहीं हूं और न ही मेरा ऐसा कोई इरादा है। उन्होंने कहा कि मेरे पास तो पार्टी का कोई पद भी नहीं है। मैं सिर्फ अपने पिता की सहायता करता हूं। आने वाले समय के लिए अभी से मैं कुछ नहीं कह सकता।

हालांकि उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। नकुलनाथ सभा के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में भी कमलनाथ के साथ ही रहे। बीजेपी और कांग्रेस में नेताओ के बेटे की आने की दस्तक अचानाक आती है नकुलनाथ ने भले ही कह दिया हो कि वह राजनीति में नहीं आयेंगे लेकिन उनके इस पिता कमलनाथ के साथ रहने से जगजाहिर होता है कि नकुलनाथ कभी भी एंट्री कर सकता है।


नकुल की एंट्री क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती है

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व की कमान को लेकर नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के बीच लगातार खींचतान देखने में आई है। कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपने के फैसले से पार्टी की पुरानी पीढ़ी उत्साहित है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री के तौर देखने वाली नई पीढ़ी का उत्साह कुछ कमजोर पड़ा है। ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ ने अपने पुत्र नकुल नाथ को एक सोची समझी रणनीति के तहत कांग्रेस के मंच पर बैठाया था। नकुल नाथ के पास पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं हैं। कार्यभार ग्रहण करने के कार्यक्रम में कमलनाथ के साथ मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, प्रतिपक्ष के नेता अजय सिंह और प्रदेश के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली पंक्ति में बैठे हुए थे।

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