देश की आजादी पर टिप्पणी को लेकर कंगना की चौतरफा आलोचना, शिकायत दर्ज, पुतले फूंके गए

kangana Ranaut

रनौत से पद्मश्री वापस लेने की मांग भी तेज हो रही है।राजनीति या अन्य विषयों पर अपने बयानों से आए दिन चर्चा में रहने वाली रनौत ने बृहस्पतिवार को यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत को ‘वास्तविक आजादी’ 2014 में मिली थी।

नयी दिल्ली/ मुंबई| भारत को 1947 में मिली आजादी को ‘‘भीख’’ बताने वाली टिप्पणी को लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत की चौतरफा आलोचना हो रही है और भारतीय जनता पार्टी तथा अन्य पार्टियों के नेताओं ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की और यहां तक कि अभिनेत्री के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की गयी है, जबकि कुछ लोगों ने सड़कों पर उनके पुतले भी फूंके।

रनौत से पद्मश्री वापस लेने की मांग भी तेज हो रही है। गौरतलब है कि राजनीति या अन्य विषयों पर अपने बयानों से आए दिन चर्चा में रहने वाली रनौत ने बृहस्पतिवार को यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत को ‘वास्तविक आजादी’ 2014 में मिली थी।

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उनका परोक्ष तौर पर इशारा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के सत्ता में आने की ओर था। रनौत ने इसके साथ ही वर्ष 1947 में देश को मिली आजादी को ‘भीख’ करार दिया था। अभिनेत्री ने पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने के एक दिन बाद ही यह विवादित बयान दिया। महात्मा गांधी के पड़पौत्र तुषार गांधी ने शुकव्रार को अभिनेत्री को नफरत का एक एजेंट बताया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पद्मश्री कंगना रनौत नफरत, असहिष्णुता और अनर्गल उत्साह की एजेंट है। यह हैरानी की बात नहीं है कि उन्हें लगता है कि भारत को आजादी 2014 में मिली। घृणा, असहिष्णुता, दिखावटी देशभक्ति और दमन को भारत में 2014 में आजादी मिली।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हैरानी की बात नहीं है कि ऐसे बयान उस कार्यक्रम में दिए गए, जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हुए। आखिरकार आज पीएमओ नफरत का झरना बन गया है जो प्रचुर मात्रा में हमारे देश में बहता है।’’ दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को रनौत की आलोचना की।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भगत सिंह, आजाद और गांधी की आजादी इन्हें भीख लगती है और सत्ता की गुलामी का मजा ले उसे असल आजादी बताती हैं। ऐसी सोच के लिए ही राष्ट्र पुरस्कार मिला है?’’

उन्होंने रनौत की एक वीडियो क्लिप भी साझा की, जिसमें उन्होंने ये टिप्पणियां की हैं। महिला कांग्रेस की ओर से राजस्थान के चार शहरों जोधपुर, जयपुर, उदयपुर और चूरू में फिल्म अभिनेत्री के खिलाफ भारत की स्वतंत्रता को कथित रूप से “भीख” बताने के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। जोधपुर महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष मनीषा पंवार ने शिकायत में कहा कि कंगना रनौत ने अपने बयान के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों और देश के लोगों का अपमान किया, जो “देशद्रोह की श्रेणी” के अंतर्गत आता है।

दिल्ली भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने रनौत की निंदा की और उनके खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि रनौत की टिप्पणी ‘‘स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है।’’

उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘एक स्वतंत्रता सेनानी का पुत्र होने एवं स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने का कारण कंगना रनौत द्वारा भारत की आजादी को भीख मे मिली आजादी कहना, मुझे स्वतंत्रता का सबसे बड़ा दुरुपयोग एवं स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग का अपमान लगता है।’’

हालांकि, उन्होंने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि उन्होंने निजी हैसियत से यह ट्वीट किया है। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत का यह बयान कि 1947 में भारत को मिली आजादी ‘भीख’ थी, पूरी तरह गलत है।

पाटिल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष पर कंगना रनौत का बयान पूरी तरह गलत है। किसी को भी स्वतंत्रता आंदोलन पर नकारात्मक टिप्पणी करने का हक नहीं है।’’ हालांकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का कहना था कि वह नहीं जानते कि किस ‘भावना’ में अभिनेत्री ने यह बयान दिया।

उन्होंने दावा किया, ‘‘2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आम आदमी सच्ची आजादी का अनुभव कर रहा है। अब देश में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे रोज दो वक्त का खाना नसीब नहीं होता हो। केंद्र सरकार 105 रुपये में गरीबों को 35 किलोग्राम खाद्यान्न दे रही है।’’ पाटिल ने कहा कि रनौत प्रधानमंत्री मोदी के सात साल के कामकाज की तारीफ कर सकती हैं, लेकिन उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन की आलोचना करने का अधिकार नहीं है।

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि रनौत को प्रदान किया गया पद्मश्री पुरस्कार स्वतंत्रता पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए वापस ले लिया जाए और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने के लिए अभिनेत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि अभिनेत्री ‘मलाना क्रीम’ की अधिक खुराक के बाद बहुत अधिक बोल रही हैं। उल्लेखनीय है कि ‘मलाना क्रीम’ एक प्रकार की हशीश होती है, जिसका नाम हिमाचल प्रदेश में मलाना घाटी पर पड़ा है। इंदौर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों ने शुक्रवार को अभिनेत्री का पुतला फूंका। चश्मदीदों ने बताया कि ‘‘स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संयुक्त संगठन’’ से जुड़े लोगों ने शहर के एमजी रोड पर रनौत का पुतला फूंका। इस दौरान उन्होंने ‘‘वीर शहीदों का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान’’, ‘‘कंगना रनौत मुर्दाबाद’’ और ‘‘कंगना रनौत को देश से बाहर करो’’ जैसे नारे भी लगाए।

प्रदर्शनकारियों ने इंदौर संभाग के आयुक्त कार्यालय को रनौत के विवादित बयान के खिलाफ ज्ञापन भी सौंपा। मुंबई में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने अभिनेत्री के विवादित बयान के लिए उनके आवास के बाहर एक प्रदर्शन किया।

बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी ने मुंबई पुलिस को एक अर्जी देते हुए रनौत के खिलाफ एक मामला दर्ज करने की मांग की थी, जबकि भाजपा सांसद वरुण गांधी समेत कई नेताओं और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं तथा अन्य ने रनौत की टिप्पणियों पर आक्रोश जताया था। रनौत ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कहा था कि उन्हें मुंबई में असुरक्षित महसूस होता है जिसके बाद उन्हें केंद्र सरकार ने वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी थी।

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उन्होंने फिल्म उद्योग के एक वर्ग में मादक पदार्थ के इस्तेमाल पर भी बात की थी। अभिनेत्री का ट्विटर अकाउंट स्थायी रूप से निलंबित करते हुए माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने कहा था कि ‘‘ट्विटर नियमों के लगातार उल्लंघन के लिए’’ ऐसा किया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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