CAA के विरोध में राज्यव्यापी यात्रा के पहले कन्हैया कुमार को पुलिस ने कुछ देर के लिए रोका
भाकपा नेता और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को सीएए-एनपीआर-एनआरसी के विरोध में उनकी राज्यव्यापी जन-गण-मन यात्रा के पहले गुरुवार को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में उनके समर्थकों के साथ कुछ देर के लिए पुलिस ने रोके रखा।
बेतिया। भाकपा नेता और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को सीएए-एनपीआर-एनआरसी के विरोध में उनकी राज्यव्यापी जन-गण-मन यात्रा के पहले गुरुवार को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में उनके समर्थकों के साथ कुछ देर के लिए पुलिस ने रोके रखा। कन्हैया चंपारण स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भितिहरवा आश्रम पहुंचे थे और वहां से वे सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध में अपनी जन-गण-मन यात्रा पर निकलने वाले थे।
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कन्हैया ने दावा किया कि बापू धाम (चम्पारण) में गांधीजी को नमन करके ग़रीब-विरोधी सीएए-एनआरसी-एनपीआर के विरोध में एक महीने की जन-गण-मन यात्रा की शुरूआत होनी थी लेकिन प्रशासन ने उन्हें उनके समर्थकों के साथ हिरासत में ले लिया। पश्चिम चंपारण के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी कन्हैया को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि करने के लिए उपलब्ध नहीं हुए पर स्थानीय प्रशासन के सूत्रों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माने जाने की वजह से यह कदम उठाया गया।
अपनी यात्रा के शुरू होने से रोके जाने पर कन्हैया ने भितिहरवा गांधी आश्रम के बाहर अपने समर्थकों साथ धरना और वहां मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। कन्हैया को कुछ घंटों के बाद छोड़ दिया गया और वह बाद में एक अन्य रैली को संबोधित करने के लिए पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी के लिए रवाना हो गए। उन्होंने कहा, “बेतिया में रैली की अनुमति बिना किसी वैध कारण के रद्द कर दी गई। स्थानीय प्रशासन द्वारा उच्च अधिकारियों से निर्देश प्राप्त करने के बाद हमें हिरासत में लिया गया और छोड़ दिया गया।’’
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कन्हैया ने कहा, “हमारे कार्यक्रम में ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे प्रशासन अपवाद के रूप में लेता। रैली किसी राजनीतिक दल के बैनर तले नहीं हो रही थी। यह किसी भी चुनावी लाभ के लिए नहीं थी।’’ कन्हैया की राज्यव्यापी यह यात्रा 29 फरवरी को पटना में नागरिकता बचाओ, देश बचाओ’’ रैली के साथ संपन्न होगी।
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