कन्यादान का पैसा तभी मिलेगा जब होगी टॉयलेट के साथ सेल्फी

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दिनेश शुक्ल । Oct 11 2019 8:17PM

भोपाल नगर निगम यह फरमान बिना किसी आदेश के लागू कर दिया है। राज्य सरकार कन्यादान व निकाय योजना के हितग्राहियों को 51 हजार रुपए की राशी देती है।

भोपाल। फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा में शौचालय के लिए संघर्ष करती अभिनेत्री को तो आपने देखा ही होगा जो अपने पति को भी घर में टॉयलेट बनवाने के लिए राजी कर लेती है। लेकिन उसके बुजुर्ग इसके लिए राजी नहीं होते। लेकिन नगर निगम भोपाल ने एक ऐसा फरमान जारी किया है जिसके तहत अगर आप किसी को अपने घर विवाह कर ले जाते हैं तो पहले आपको टॉयलेट के साथ एक सेल्फी लेकर फोटो जमा करनी  होगी। जी हां, नगर निगम भोपाल ने यह व्यवस्था राज्य सरकार की कन्यादान व निकाय योजना का लाभ लेने वाले हितग्राहियों के लिए लागू की है। जिसके तहत अब वर को अपने घर में बने शौचालय के साथ सेल्फी लेकर दस्तावेजों में लगानी होगी।

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दरअसल, भोपाल नगर निगम यह फरमान बिना किसी आदेश के लागू कर दिया है। राज्य सरकार कन्यादान व निकाय योजना के हितग्राहियों को 51 हजार रुपए की राशी देती है। भाजपा की शिवराज सरकार के राज में यह राशी 21 हजार रुपए थी। जिसे कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है। नगर निगम भोपाल के अधिकारियों का कहना है कि भोपाल ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वधु जिस घर में जा रही है वहां शौचालय है या नहीं। यह हितग्राही के सेल्फी से सुनिश्चित किया जाता है। लेकिन इस व्यवस्था में सबसे बड़ी खामी यह है कि वर पक्ष के घर शौचालय है कि नहीं इसका भौतिक सत्यापन नहीं किया जा रहा।

नगर निगम भोपाल के अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था पिछले साल से ही जारी है। अधिकारी यह भी मानते है कि फोटो से यह स्पष्ट नहीं होता कि यह सेल्फी किस घर के शौचालय की है। पिछले साल भोपाल जिले में 18 स्थानों पर सामूहिक सम्मेलन किए गए जिसमें 782 विवाह और 533 निकाह हुए। जिसकी कुल संख्या 1315 है। इन सभी को अपने घरों में बने टॉयलेट के साफ सेल्फी लेकर योजना के दस्तावेजों के साथ संलग्न करवाया गया है। हालांकि योजना का काम देख रहे सामाजिक न्याय विभाग की सामाजिक सुरक्षा अधिकारी साज़िया खान का कहना है कि वर्ष 2013 में स्वच्छ भारत अभियान के तहत यह व्यवस्था लागू की गई थी कि वर पक्ष में शौचालय होना चाहिए। जिसके लिए फोटो लिए जाते थे। चूंकि अब शहर ओडीएफ हो गया है इसलिए ऐसे फोटो की आवश्यकता नहीं है। वार्ड प्रभारी भौतिक सत्यापन कर यह प्रमाणित कर सकते है।

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कुल मिलाकर सरकार की तरफ से ऐसा फरमान न जारी होने के बाद भी एहतीयतन के तौर पर निगम अधिकारी वर के साथ शौचालय की सेल्फी की फोटो दस्तावेज के साथ संलग्न करवाने के लिए कह रहे है। हालंकि राज्य सरकार ने इसकी अनिवार्यता लागू नहीं की है।

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