क्या MNS की वजह से बंद हुई है 'कराची बेकरी' ? मैनेजर ने बताई असल वजह

Karachi Bakery

मनसे नेता हाजी सैफ शेख ने पिछले साल कराची बेकरी के मालिक को अपनी दुकान से 'कराची' शब्द हटाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजा था और अब पार्टी कराची बेकरी के बंद होने का श्रेय ले रही है।

मुंबई। मुंबई की फेमस 'कराची बेकरी' बंद हो चुकी है और इसके बंद होने का श्रेय राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ले रही है। हालांकि, कराची बेकरी में काम करने वालों ने व्यापार को बंद कर देने के पीछे कुछ और कारण बताया। हाल ही में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने बेकरी का पाकिस्तानी नाम होने की वजह से काफी विरोध किया था और अब बेकरी बंद हो चुकी है। जिसके बाद पार्टी ने कराची बेकरी के बंद होने का श्रेय खुद को दिया है। 

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क्या है असल कहानी ?

मनसे नेता हाजी सैफ शेख ने पिछले साल कराची बेकरी के मालिक को अपनी दुकान से 'कराची' शब्द हटाने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजा था और अब पार्टी कराची बेकरी के बंद होने का श्रेय ले रही है। हाजी सैफ शेख ने एक मार्च को ट्वीट किया कि मनसे के उपाध्यक्ष हाजी सैफ शेख द्वारा कराची नाम के लिए बेकरी का बड़े पैमाने पर विरोध किया। जिसके बाद कराची बेकरी ने आखिरकार मुंबई में अपनी एकमात्र दुकान बंद कर दी।

यह तो मनसे नेता का दावा है लेकिन कहानी कुछ और ही है। अंग्रेजी समाचार पत्र 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक कराची बेकरी के मैनेजर रामेश्वर वाघमारे ने बताया कि पुराने लीज एग्रीमेंट के समाप्त हो जाने के बाद दुकान (कराची बेकरी) को बंद कर दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि लॉकडाउन की वजह से व्यापार पर काफी प्रभाव भी पड़ा था। 

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मैनेजर वाघमारे ने कहा कि नाम बदलने के दबाव की वजह से कराची बेकरी नहीं बंद हुई है। बेकरी सभी वैध दस्तावेजों और एग्रीमेंट के साथ व्यापार कर रही थी। हमारा फैसला व्यावसायिक कारकों पर आधारित है। उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई इसका श्रेय लेना चाहता है तो लेने दीजिए।

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