कन्नड समूहों के जबरन बंद से भड़के येदियुरप्पा, बोले- किसी को भी इसका अधिकार नहीं है

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मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘मैं हर वह कदम उठाने के लिए तैयार हूं जो कन्नड भाषियों के लिए जरूरी है लेकिन किसी को भी बंद बुलाने का अधिकार नहीं है और लोग इसका समर्थन नहीं करेंगे।’’

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शनिवार को कन्नड समूहों से बंद के फैसले को वापस लेने को कहा, साथ ही जबरन बंद लागू करने को लेकर चेतावनी दी। बता दें कि कर्नाटक के कन्नड समूहों ने मराठा विकास निगम (एमडीसी) के गठन के खिलाफ पांच दिसंबर को राज्य बंद का आह्वान किया है। येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ मैं हर वह कदम उठाने के लिए तैयार हूं जो कन्नड भाषियों के लिए जरूरी है लेकिन किसी को भी बंद बुलाने का अधिकार नहीं है और लोग इसका समर्थन नहीं करेंगे।’’ 

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संवाददाताओं से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा कि वह कहीं भी जबरन बंद कराने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पुतले जलाने और दुर्व्यवहार पर नजर रख रहा हूं और हमें सख्त कदम उठाना होगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें लेकिन सरकार इसे दूसरा रंग देने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी। 

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उल्लेखनीय है कि कन्न्ड समर्थक संगठनों की शुक्रवार को हुई बैठक में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पांच दिसंबर को राज्यव्यापी बंद बुलाने के फैसले पर आगे बढ़ने का निर्णय किया गया। संगठनों ने इसके साथ ही एमडीसी के गठन के फैसले को वापस लेने के लिए सरकार को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया। बंद को गैर जरूरी करार देते हुए येदियुरप्पा ने स्पष्ट किया कि मराठा विकास निगम का मराठी से कोई लेना देना नहीं है बल्कि राज्य में रह रहे मराठा समुदाय के लिए इसका गठन किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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