कुमारस्वामी ने विश्वास मत हासिल किया, 10 दिन का राजनीतिक ड्रामा खत्म
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने आज विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया। विधानसभा में 117 विधायकों ने विश्वास मत के पक्ष में मतदान किया।
बेंगलुरू। कर्नाटक में तीन दिन पुरानी एचडी कुमारस्वामी सरकार ने विधानसभा से भाजपा विधायकों के बहिर्गमन के बीच आज विश्वास मत हासिल कर लिया और इस तरह राज्य में दस दिन के हाई-वोल्टेज राजनीतिक नाटक का अंत हो गया। विपक्ष के नेता बीएस येदियुरप्पा ने जद (एस) और कांग्रेस गठबंधन को ''अपवित्र’’ बताते हुए उस पर निशाना साधा और इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया जिससे 58 वर्षीय कुमारस्वामी के लिए राह आसान हो गई।
कुमारस्वामी के विश्वास मत प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने भाजपा विधायकों की अनुपस्थिति में ध्वनि मत से पारित घोषित किया। कुमारस्वामी ने भाजपा के बहिर्गमन को ''पलायनवाद’’ बताया। कांग्रेस के रमेश कुमार के सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद कुमारस्वामी ने विधानसभा में एक लाइन का प्रस्ताव पेश किया था। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल विधायकों की प्रभावी संख्या 221 ही है जिसमें जद (एस) और कांग्रेस गठबंधन ने 117 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। कांग्रेस के 78 विधायक हैं जबकि कुमारस्वामी की जद (एस) के 36 और बसपा का एक विधायक है। गठबंधन ने केपीजेपी के एकमात्र विधायक और एक निर्दलीय के समर्थन का भी दावा किया था। कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीते थे।
भाजपा के कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा ने 19 मई को सदन में शक्ति परीक्षण से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के दो दिन बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा के 104 विधायक हैं और उसे बहुमत साबित करने के लिए सात और विधायकों की जरूरत थी। जयानगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार की मृत्यु की वजह से चुनाव रद्द करना पड़ा था जबकि आरआर नगर सीट पर चुनावी कदाचार के आरोपों की वजह से मतदान टालना पड़ा था।
कुमारस्वामी ने आज कहा कि राज्य में कांग्रेस जद (एस) गठबंधन सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी। कर्नाटक विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि वह बहुमत वाली सरकार नहीं चला रहे हैं। प्रदेश में जद (एस) को बहुमत नहीं मिलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ''मुझे इस बात का भी दुख है कि लोगों ने मुझमें भरोसा नहीं जताया है।’’ उन्होंने कहा, ''हम लोग पांच साल के लिए स्थायी सरकार देंगे। हम जनता के लिए काम करेंगे। हम यहां अपना व्यक्तिगत हित साधने नहीं आये हैं।’’ कुमारस्वामी ने कहा कि न तो वह और न ही देवेगौड़ा परिवार कभी सत्ता के लिए लालायित रहा है। उन्होंने कहा कि उन लोगों का अधिकतर राजनीतिक जीवन विपक्ष में ही व्यतीत हुआ है।
उन्होंने कहा, ''मैं सत्ता के पीछे लालायित नहीं हूं.... न ही मेरा (गौड़ा) परिवार... हमने अपना अधिकतर समय विपक्ष में ही बिताया है।’’ कुमारस्वामी ने यह भी कहा कि जद (एस) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा पर उस समय एक दाग लगा था जब गठबंधन की सरकार बनाने के लिए उन्होंने (कुमारस्वामी) 2006 में भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाया था। लेकिन (कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार का गठन कर) अब उन्होंने यह दाग धो दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों का ऋण माफ करने के लिए प्रतिबद्ध है जैसा कि चुनाव के दौरान वादा किया गया था। कुमारस्वामी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेज बनाये गये थे जिनमें दावा किया गया कि उन्होंने मलेशिया में एक कंपनी बनाई थी और वहां उनकी विशाल संपत्ति थी।
इस बीच आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने आज चेतावनी दी कि यदि एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली कांग्रेस-जद (एस) सरकार 24 घंटे के अंदर कृषि ऋण माफ नहीं करती है तो उनकी पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगी। विधानसभा में कुमारस्वामी द्वारा बहुमत साबित करने का कदम उठाने से पूर्व येदियुरप्पा ने कहा कि जद (एस) ने 53,000 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था जिसमें राष्ट्रीयकृत बैंक से लिया गया उधार भी शामिल है। उन्होंने कहा, ''यह आप ही थे जिसने सत्ता संभालने के 24 घंटे के अंदर कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था। किसान आपका यह रोना सुनने को तैयार नहीं है कि आप गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रहे हैं और उसकी अपनी मजबूरियां हैं। आप इसी विशेष सत्र में इसकी घोषणा कीजिए। अन्यथा हम राज्यभर में अपना आंदोलन शुरू करने की कार्ययोजना तैयार करेंगे।’’
येदियुरप्पा ने कांग्रेस सदस्यों से कहा कि कुमारस्वामी और देवेगौड़ा उनकी पार्टी को खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा, ''पिता (देवेगौड़ा) और पुत्र कांग्रेस को खत्म कर देंगे।’’ उन्होंने कहा, ''उन्हें कोई समस्या नहीं है यदि आप कुमारस्वामी के डूबते जहाज पर सवार होना चाहते हैं।’ष् कुमारस्वामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी जहां भाजपा विरोधी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के शीर्ष नेता जुटे थे।
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