Karnataka hijab ban | 6 फरवरी से परीक्षाएं हैं, हिजाब मामले पर SC ने दिया भरोसा, 3 जजों की बेंच जल्द करेगी मामले की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अपने विभाजित फैसले के बाद कर्नाटक के स्कूलों में इस्लामिक हेडकवर पहनने से संबंधित मामले पर फैसला करने के लिए तीन जजों की बेंच गठित करने पर विचार करेगा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा की दलीलों पर ध्यान दिया कि राज्य में 6 फरवरी से कुछ कक्षाओं के लिए निर्धारित व्यावहारिक परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक अंतरिम आदेश की आवश्यकता थी।
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हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेश सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा का कहना है कि कई लड़कियों का पूरा साल बर्बाद हो गया है क्योंकि उन्होंने अपना हिजाब उतारने से इनकार कर दिया है। मामले को तत्काल सुनने की जरूरत है ताकि एक और साल बर्बाद न हो। वरिष्ठ वकील ने कुछ छात्रों की ओर से पेश होते हुए कहा कि यह हेडस्कार्फ़ का मामला है। लड़कियों की 6 फरवरी 2023 से प्रैक्टिकल परीक्षाएं हैं और इस मामले को अंतरिम निर्देशों के लिए सूचीबद्ध किए जाने की जरूरत है ताकि वे इसमें शामिल हो सकें। व्यावहारिक परीक्षाएं सरकारी स्कूलों में आयोजित की जाएंगी।
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शीर्ष अदालत की दो जजों की बेंच ने पिछले साल 13 अक्टूबर को हिजाब विवाद में विरोधी फैसले सुनाए थे और मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया था कि कर्नाटक में इस्लामिक हेडकवर पहनने पर प्रतिबंध से उपजे मामले पर फैसला सुनाने के लिए एक उपयुक्त बेंच का गठन किया जाए। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता कर्नाटक उच्च न्यायालय के 15 मार्च के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में कहीं भी हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
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