Karnataka: नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के दोषी कराटे प्रशिक्षक को 10 साल की जेल

 jailed for 10 years
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अदालत के न्यायाधीश श्रीनिवास सुवर्णा ने उमेश बंगेरा को पॉक्सो अधिनियम की धारा छह एवं भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) के तहत अपराध के लिए 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई तथा 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

मंगलुरु। उडुपी की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत एवं त्वरित पॉक्सो (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण) अदालत ने पदुबिदरी में 12 वर्षीय लड़की का यौन उत्पीड़न करने के मामले में कराटे प्रशिक्षक को दोषी पाया और उसे 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई तथा 22,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत के न्यायाधीश श्रीनिवास सुवर्णा ने उमेश बंगेरा को पॉक्सो अधिनियम की धारा छह एवं भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) के तहत अपराध के लिए 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई तथा 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। कराटे प्रशिक्षक को आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) एवं पॉक्सो अधिनियम की धारा आठ के तहत अपराध के लिए एक साल की साधारण कैद की सजा भी सुनाई गई और एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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न्यायाधीश ने कहा कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र के अनुसार, उमेश बंगेरा ने 12 फरवरी, 2020 को पदुबिदरी में कराटे की कक्षाएं पूरी करने के बाद लड़की से बलात्कार किया। 27 सितंबर 2020 को बंगेरा ने लड़की की मां को फोन किया और अपनी बेटी को क्लास के लिए भेजने को कहा। छात्रा ने क्लास में जाने से मना कर दिया और यौन उत्पीड़न के बारे में अपनी मां को बताया। कउप पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के काद तत्कालीन क्षेत्र पुलिस निरीक्षक महेश प्रसाद ने बंगेरा को गिरफ्तार किया और आईपीसी एवं पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोपपत्र दायर किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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