क्या कोरोना के चलते कश्मीर में बनी रही शांति ? जानिए शीर्ष सैन्य कमांडर ने क्या कुछ कहा
श्रीनगर स्थिति पंद्रहवीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने कहा, ‘‘ वर्ष 2020 कश्मीर में सबसे शांतिपूर्ण दौर मेंएक रहा। घाटी में स्थिति बहुत सामान्य रही। हिंसा के सभी मानक, चाहे पथराव हो या प्रदर्शन या बंद, में गिरावट आयी है।’’
श्रीनगर। सेना के एक शीर्ष कमांडर ने सोमवार को कहा कि पिछला वर्ष कश्मीर में सबसे शांतिपूर्ण रहा तथा हिंसा के सभी मानकों में गिरावट आयी क्योंकि लोग ऐसा चाहते हैं। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि कोविड-19 महामारी के चलते ‘शांति’ बनी रही। श्रीनगर स्थिति पंद्रहवीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौता दोनों देशों का विवेकपूर्ण फैसला है और अब उसे सफल बनाने की जिम्मेदारी है।
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लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ वर्ष 2020 कश्मीर में सबसे शांतिपूर्ण दौर मेंएक रहा। घाटी में स्थिति बहुत सामान्य रही। हिंसा के सभी मानक, चाहे पथराव हो या प्रदर्शन या बंद, में गिरावट आयी है।’’ नये सैन्य अभियान महानिदेशक का पदभार ग्रहण करने जा रहे राजू ने कहा कि कई लोग यह यह मानकर चलते हैं कि कोविड-19 के चलते घाटी में स्थिति ‘शांत’ है ‘ लेकिन ऐसा नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘‘ शांति इसलिए है क्योंकि लोग शांति चाहते हैं। यदि कुछ अच्छा हो रहा है, तो इसकी वजह है कि लोग ही ऐसा चाहते हैं।’’ हालांकि उन्होंने माना कि छिटपुट घटनाएं होती रहीं क्योंकि ऐसे तत्व हैं जो हिंसा पैदा करना चाहते हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा, ‘‘ उन्हें हमले के लिए यहां और (नियंत्रण रेखा के) पार से निर्देश मिलते हैं। हाल ही में कृष्णा ढाबा हमला हुआ था। यह यात्रा पर आ रहे यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल को बस यह संदेश देने के लिए किया गया था कि स्थिति शांतिपूर्ण नहीं है और चीजें सामान्य नहीं है। यह पारंपरिक तरीके का आतंकवाद था।’’ सैन्य अधिकारी उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र दुर्गांग में लोकप्रिय ‘कृष्णा ढाबा’ के मालिक के बेटे आकाश मेहरा पर 17 फरवरी को हुए हमले का जिक्र कर रहे थे। उसी दिन यूरोपीय संघ का 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दो दिन की यात्रा पर जम्मू कश्मीर पहुंचा था। रविवार को मेहरा की अस्पताल में मौत हो गयी।
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लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा ,‘‘(भारत और पाकिस्तान के बीच) संघर्ष विराम एक सकारात्मक कदम और दोनों देशों का विवेकपूर्ण निर्णय है। अब उसे सफल बनाने की जिम्मेदारी है। ’’ हालांकि उन्होंने कहा,‘‘(नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों की) घुसपैठ अब भी एक चुनौती है लेकिन हम भी तैयार बैठे हैं। हम चीजें नियंत्रण में रखेंगे और लोगों को सुरक्षित रखेंगे। हम आशा करते हैं कि सीमा पर स्थिति शांतिपूर्ण हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब संघर्ष विराम होता है तो घुसपैठ नियंत्रित करने की हमारी क्षमता बढ़ जाती है।’’
जब लेफ्टिनेंट जनरल राजू से सवाल किया गया कि पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम का उल्लंघन होने की स्थिति से सेना कैसे निपटेगी तो उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास, स्थानीय और दिल्ली, दोनों ही स्तरों पर स्थापित प्रणाली है।’’ उन्हेांने कहा, ‘‘ निश्चित ही हम यथासंभव प्रयास करेंगे। हम गोलाबारी करके प्रसन्न नहीं होंगे। यदि कोई समस्या आती है या कोई घटना होती है तो हम दूसरे पक्ष से कहेंगे, हम उससे बात करेंगे। ’’ उन्होंने कहा कि संघर्षविराम से घुसपैठ पर रोक लगाने में मदद के अलावा अंदरूनी क्षेत्र में कोई बड़ा प्रभाव नहीं होगा।
With better outreach programs by Army, civil administration & Police, we have been able to establish greater trust and connect with public. I believe this will manifest into lower (terrorist) recruitment: Lt Gen BS Raju, GOC, Chinar Corps pic.twitter.com/hFPHwJfId7
— ANI (@ANI) March 1, 2021
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