जनभावनाओं का ध्यान रखते हुए जिन्ना की तस्वीर हटा देनी चाहिए: अठावले
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) छात्रसंघ भवन में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर उपजे विवाद को आज अनावश्यक करार दिया।
लखनऊ। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) छात्रसंघ भवन में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर उपजे विवाद को आज अनावश्यक करार दिया। अठावले ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जिन्ना की तस्वीर आजादी से पहले वहां लगी थी इसलिए उसके लगे रहने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अगर उसे हटाना पडे तो हटा देना चाहिए।
एएमयू में जिन्ना की तस्वीर को लेकर खासा बवाल हो गया था। हिन्दू युवा वाहिनी और एएमयू छात्रसंघ इसे लेकर आमने सामने आ गये और हिंसा भी हुई। इसके बाद राजनेताओं एवं प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने भी जिन्ना को लेकर तमाम बयान दिये। योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के जिन्ना पर बयान से विवाद भी हुआ। अठावले ने दलित उत्पीडन से जुडे कानून पर उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर कहा कि दलित उत्पीडन के 90 प्रतिशत मामले सही होते हैं। कानून संसद ने बनाया था। केन्द्र सरकार ने समीक्षा याचिका दायर की है और आवश्यकता पडी तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह करेंगे कि इस संबंध में अध्यादेश लाया जाए।
भाजपा सरकार के मंत्रियों और नेताओं द्वारा दलितों के घर खाना खाने के बारे में पूछे गये सवालों पर अठावले ने कहा कि दलित के यहां खाना खाने से दलित और सवर्ण एक दूसरे के करीब आते हैं। उन्होंने कहा कि दलित के यहां खाना खाने से हालांकि उसका कोई कल्याण नहीं होने वाला है लेकिन दलित और सवर्णों के बीच संबंध मजबूत होने के लिहाज से यह अच्छी पहल है। कर्नाटक चुनाव पर अठावले ने कहा कि उनका दल रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया :ए: 30 सीटों पर चुनाव लडना चाहता है। बाकी सीटों पर वह भाजपा प्रत्याशियों का समर्थन करेंगे।
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