केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से फिर की अपील, आलोचकों पर बरसे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को आज फिर पत्र लिखकर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की ‘‘हड़ताल’’ खत्म करने में उनकी दखल की मांग की।
नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को आज फिर पत्र लिखकर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की ‘‘हड़ताल’’ खत्म करने में उनकी दखल की मांग की। इसके साथ ही आलोचकों पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि यह धरना ‘‘किसी निजी लाभ’’ के लिये नहीं बल्कि दिल्ली की जनता की बेहतरी के लिये है। केजरीवाल ने आज धरने के पांचवे दिन एक वीडियो संदेश में भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि नौकरशाहों की हड़ताल आप सरकार के कामकाज में ‘‘बाधक’’ बन रही है। केजरीवाल और उनके मंत्री यहां उपराज्यपाल कार्यालय में धरने पर बैठे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उपराज्यपाल अनिल बैजल से कहा और (उपमुख्यमंत्री) मनीष सिसौदिया ने उन्हें (उपराज्यपाल को) कल पत्र लिखा। हमने उन्हें वाट्सऐप पर मैसेज भी भेजे हैं। लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। हमने प्रधानमंत्री को जो चिट्ठी लिखी, उसका भी जवाब नहीं आया। इसलिए आज फिर से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी। ’’।केजरीवाल ने नया पत्र रविवार को नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिये मिले निमंत्रण के जवाब में लिखा है। केजरीवाल ने कहा, ‘‘ मैंने प्रधानमंत्री से पूछा है कि अगर उनकी बैठकों में अधिकारी नहीं आयें तो क्या वे एक दिन भी सरकार चला पायेंगे? तो फिर आपने दिल्ली में अधिकारियों के हड़ताल की इजाजत क्यों दी। दिल्ली के लोगों को परेशान करना अच्छा नहीं है। ’’ केजरीवाल ने कल मोदी को पत्र लिखकर इस हड़ताल को खत्म करने में उनकी दखल की मांग की थी। उन्होंने दावा किया कि उपराज्यपाल अनिल बैजल इस गतिरोध को दूर करने के लिये ‘‘ कुछ नहीं ’’ कर रहे हैं।
डॉक्टरों की एक टीम कल उपमुख्यमंत्री सिसौदिया एवं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के स्वास्थ्य की जांच के लिये उपराज्यपाल कार्यालय पहुंची थी। अपनी मांगों को लेकर दबाव डालने के लिये ये दोनों अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने मोदी को नया पत्र लिखा है और अपनी मांगें दोहरायी हैं। आप सरकार की मांग है कि उपराज्यपाल आईएएस अधिकारियों को अपनी ‘‘हड़ताल’’ खत्म करने का निर्देश दें और काम में रुकावट डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। वे यह भी चाहते हैं कि उपराज्यपाल घर - घर राशन पहुंचाने के प्रस्ताव को मंजूरी दें। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे (प्रधानमंत्री से) फिर अनुरोध किया है कि वह इस संबंध में कुछ करें। इस हड़ताल के लिए इजाजत देना ठीक नहीं है। इसलिए रविवार को मैं प्रधानमंत्री आवास जाऊंगा। दिल्ली के कई लोग भी उनके आवास जायेंगे और इस हड़ताल को खत्म करने की उनसे अपील करेंगे।’’
केजरीवाल ने उम्मीद जतायी कि प्रधानमंत्री यह सुनिश्चित करेंगे कि हड़ताल ‘‘खत्म’’ हो। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम घर-घर जायेंगे। हमारे कार्यकर्ता शहर के 10 लाख घरों में जायेंगे और एक पत्र पर दिल्ली सरकार के कामकाज में रुकावट डालने तथा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मुद्दे पर उनका हस्ताक्षर जुटायेंगे। ये 10 लाख परिवार फिर पूर्ण राज्य के दर्जे और आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के खिलाफ आंदोलन करेंगे।’’
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