दिल्ली का दंगल नहीं हो रहा खत्म, अधिकारों की लड़ाई को लेकर केजरीवाल फिर पहुंचे SC
उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न शक्तियों के इस्तेमाल संबंधी दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई के लिए आज सहमति जताई।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न शक्तियों के इस्तेमाल संबंधी दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई के लिए आज सहमति जताई। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी की शासन प्रणाली के लिए हाल ही में व्यापक मानदंड निर्धारित किए थे। आम आदमी पार्टी के 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही केन्द्र तथा दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों को ले कर रस्साकशी चल रही है।
पीठ ने स्पष्ट किया था कि प्रशासनिक एवं विधायी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली सरकार की ओर से जारी होने वाली अनेक अधिसूचनाओं से जुड़े मुद्दे का निपटारा एक उपयुक्त छोटी पीठ अलग से करेगी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यामूर्ति ए एम खानविलकर एवं न्यामूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने आज दिल्ली सरकार की उस अर्जी पर विचार किया जिसमें कहा गया है कि शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद लोक सेवाओं के मुद्दे पर गतिरोध बना हुआ है और इसे उपयुक्त पीठ द्वारा निपटाए जाने की जरूरत है।
पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा से कहा, ‘‘इसे अगले सप्ताह किसी समय सूचीबद्ध किया जाएगा।’’ उच्चतम न्यायालय ने चार जुलाई की अपनी व्यवस्था में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत दी थी जो उप राज्यपाल पर सरकार को ठीक ढंग से कामकाज करने से रोकने के आरोप लंबे समय से लगा रहे थे। शीर्ष न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि लोक व्यवस्था , पुलिस तथा भूमि को छोड़कर दिल्ली सरकार के पास अन्य मामलों पर निर्णय लेने और शासन का अधिकार है।
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