केजरीवाल बिना मसौदे के योजनाओं की करते हैं घोषणा: हरदीप पुरी
अधिकारियों से नकारात्मक जवाब मिलने पर हरदीप पुरी ने कहा कि केजरीवाल पहले भी प्रक्रिया का पालन किये बिना ही सिर्फ योजनाओं की घोषणा करते रहे हैं।
नयी दिल्ली। आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने मेट्रो रेल में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने की घोषणा के बारे में कहा है कि केजरीवाल किसी भी योजना का मूल मसौदा बनाने से पहले ही उसकी घोषणा करने में यकीन करते हैं। पुरी ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुये कहा, ‘कोई योजना ऐसे लागू नहीं होती है कि पहले घोषणा कर दो और फिर उसका प्रस्ताव तैयार किया जाये।’ उन्होंने मंत्रालय के संबद्ध अधिकारियों से पूछा कि क्या मेट्रो रेल में महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा देने के बारे में दिल्ली सरकार का कोई प्रस्ताव आया है। अधिकारियों से नकारात्मक जवाब मिलने पर पुरी ने कहा कि केजरीवाल पहले भी प्रक्रिया का पालन किये बिना ही सिर्फ योजनाओं की घोषणा करते रहे हैं।
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पुरी ने कहा कि अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के बारे में केजरीवाल के गलत दावों का वह पहले खुलासा कर चुके हैं, मैट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा देने की घोषणा के पीछे की सच्चाई का भी अगले दो तीन दिन में वह खुलासा करेंगे। पुरी ने कहा कि बस में किसी को भी मुफ्त यात्रा की सुविधा देने से पहले पर्याप्त संख्या में बसों का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को बताना चाहिये कि दिल्ली में डीटीसी को 11 हजार बसों को खरीदने की मंजूरी के बावजूद अब तक कितनी बसें खरीदी गयी। मेट्रो में मुफ्त सुविधा के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैंने संसद में पहले ही कहा था कि हम छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों को मेट्रो किराये में रियायत देना चाहते हैं और इसके लिये मेट्रो प्रबंधन को तकनीकी तैयारियां करने को कहा गया था।’
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पुरी ने कहा, ‘मेट्रो प्रबंधन इस बारे में तकनीकी तैयारियां कर रहा है और मुझे खुशी है अगर जरूरतमंद महिलाओं को कोई सहूलियत मिले। लेकिन दिल्ली सरकार के 50 हजार करोड़ रुपये के कुल बजट में केजरीवाल, स्वच्छता अभियान और आयुष्मान भारत योजनाओं को दिल्ली में लागू नहीं कर रहे है। वह, दो हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी (मेट्रो किराये में छूट पर) देना चाहते हैं। यह चर्चा का विषय है।’ उन्होंने कहा, ‘हम महिलाओं की सहूलियत के लिये जो भी जरूरी होगा उसे करेंगे लेकिन कोई योजना ऐसे लागू नहीं होती कि पहले उसकी घोषणा कर दो और प्रस्ताव मसौदा बाद में बनाओ।’
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