केजरीवाल ने चतुर्वेदी को ओएसडी बनाने को मोदी को पत्र लिखा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘‘वृहद जनहित में’’ संजीव चतुर्वेदी को उनके विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के रूप में तैनात करने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘‘वृहद जनहित में’’ संजीव चतुर्वेदी को उनके विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के रूप में तैनात करने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। केजरीवाल ने कहा कि वह केन्द्र द्वारा उनका आग्रह खारिज करने से ‘‘आश्चर्यचकित’’ हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने इस आईएफएस अधिकारी की सेवाओं का ‘‘कभी उचित ढंग से उपयोग’’ नहीं किया। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने हाल में चतुर्वेदी के उत्तराखंड से दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार में अंतरकैडर प्रतिनियुक्ति के प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि उन्होंने तीन साल की अनिवार्य उपशमन अवधि को पूरा नहीं किया है।
‘‘दिल्ली के कल्याण’’ के लिए चतुर्वेदी को उनका ओएसडी बनाने का मजबूती से समर्थन करते हुए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि डीओपीटी के निर्देशों के अनुसार, उपशमन अवधि के मानदंड से उस अधिकारी को छूट दी जा सकती है जो ‘‘निजी स्टाफ’’ के रूप में नियुक्त किया जाना हो। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पिछले साल फरवरी में पहली बार चतुर्वेदी को उनका ओएसडी बनाने का आग्रह किया था। केजरीवाल ने तीन जुलाई की इस चिट्ठी में कहा, ‘‘यह हमारे लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापित परंपरा रही है कि जब भी किसी सरकार के किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को किसी अधिकारी की निजी स्टाफ के रूप में जरूरत होती है तो राजनीतिक मतभेदों को दूर रखते हुए उसे प्रतिनियुक्त किया जाता है।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘हालांकि, मैं यह जानकर आश्चर्य चकित हूं कि 16 महीनों की असामान्य देरी जिसमें माननीय अदालत के चार निर्देश शामिल हैं, के बाद, एसीसी ने आखिरकार अनुरोध ठुकरा दिया।’’ सेवा में शामिल होने के बाद चतुर्वेदी को हरियाणा कैडर आवंटित किया गया था। हालांकि उन्होंने ‘‘अत्यंत व्यक्तिगत मुश्किलों’’ के कारण कैडर बदलने का अनुरोध किया था। एसीसी ने अगस्त 2015 में चतुर्वेदी को हरियाणा से उत्तराखंड के लिए अंतर कैडर स्थानान्तरण को मंजूरी दी थी।
वैसे इस साल फरवरी में उत्तराखंड सरकार ने अंतर कैडर प्रतिनियुक्ति के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगने का चतुर्वेदी का ज्ञापन खारिज कर दिया और कहा, ‘‘अगर भारत सरकार उपशमन अवधि की शर्त की छूट देती है तो उत्तराखंड को अंतर कैडर प्रतिनियुक्ति में कोई आपत्ति नहीं होगी।’’ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एसीसी को जानकारी दी थी कि चतुर्वेदी ने अब तक अपने नये मूल कैडर उत्तराखंड में सेवाएं नहीं दी हैं। केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा कि एम्स के पूर्व सीवीओ के रूप में चतुर्वेदी की सेवाओं को केन्द्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा कभी भी उचित ढंग से उपयोग नहीं किया गया जबकि ‘‘ईमानदार एवं क्षमतावान’’ होने के रूप में उनकी प्रतिष्ठा से उन्होंने प्रतिष्ठित रमन मैग्सेसे पुरस्कार सहित कई सम्मान हासिल किये।
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