जातिगत आरक्षण के खिलाफ ब्राह्मणों को करना चाहिए आंदोलन: केरल हाईकोर्ट जज
केरल हाईकोर्ट के जज जस्टिस वी चिताम्बरेश ने कहा कि संवैधानिक पद पर होने की वजह से मैं अपनी कोई राय जाहिर नहीं कर सकता हूं, लेकिन यह वक्त ब्राह्मणों के लिए मंथन का है।
कोच्चि। केरल हाईकोर्ट के जज जस्टिस वी चिताम्बरेश ने ब्राह्मणों पर एक टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें जातिगत आरक्षण के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए। पिछले दिनों (19 जुलाई के दिन) जस्टिस वी चिताम्बरेश तमिल ब्राह्मण समुदाय के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, उसी बीच उन्होंने ब्राह्मणों के सामाजिक-आर्थिक हालात का मुद्दा उठाया।
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उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर होने की वजह से मैं अपनी कोई राय जाहिर नहीं कर सकता हूं, लेकिन यह वक्त ब्राह्मणों के लिए मंथन का है। क्या आरक्षण सिर्फ समूह या जाति के आधार पर मिलना चाहिए। मैं आपको सिर्फ यह बताना चाहता हूं कि आंदोलन के लिए आपके पास एक मंच है। इसी के साथ जस्टिस वी चिताम्बरेश ने कहा कि आप जाति या धर्म आधारित आरक्षण की नहीं बल्कि आप लोग आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात उठाएं।
इसी के साथ जस्टिस वी चिताम्बरेश ने ब्राह्मण समुदाय की सराहना करते हुए कहा कि ब्राह्मण द्विजन्मना होता है और अच्छे कर्मों की वजह से ब्राह्मण धरती पर दो बार जन्म लेता है। साथ ही उन्होंने 10 फीसदी आर्थिक आधार पर दिए जा रहे आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि यदि एक ब्राह्मण रसोइए का बेटा, यदि नॉन क्रीमीलेयर में आता भी है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं एक लकड़ी व्यापारी का बेटा जो OBC समुदाय से आता है, यदि नॉन क्रीमीलेयर के दायरे में है तो उसे आरक्षण का लाभ मिलेगा।
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