ख्वाजा यूनुस केस में लोक अभियोजक को हटाने का फैसला सही: महाराष्ट्र सरकार

Khwaja Yunus custodial death case
[email protected] । Jul 28 2018 12:50PM

महाराष्ट्र सरकार ने ख्वाजा यूनुस की हिरासत में हुई मौत के मामले से विशेष लोक अभियोजक को हटाने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए बंबई उच्च न्यायालय से कहा है कि वह पुलिस अधिकारियों को बचाने का प्रयास नहीं कर रही है।

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने ख्वाजा यूनुस की हिरासत में हुई मौत के मामले से विशेष लोक अभियोजक को हटाने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए बंबई उच्च न्यायालय से कहा है कि वह पुलिस अधिकारियों को बचाने का प्रयास नहीं कर रही है। विशेष लोक अभियोजक ने चार पुलिसकर्मियों को इस मामले में आरोपी बनाए जाने की मांग की थी। सरकार ने इस साल अप्रैल में एक अधिसूचना के जरिए वकील दीपक मिराजकर की इस मामले में विशेष लोक अभियोजक की उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया था। मिराजकर द्वारा सत्र अदालत में एक आवेदन दायर करने के बाद सरकार का यह फैसला आया था।

सत्र अदालत मौजूदा समय में इस मामले की सुनवाई कर रही है। मिराजकर इस मामले में सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी प्रफुल्ल भोसले और अन्य तीन पुलिसकर्मियों को तलब करने सहित इन लोगों को हत्या मामले में आरोपी बनाकर मुकदमा चलाए जाने की मांग कर रहे थे। यह आवेदन अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह मोहम्मद अब्दुल मतीन के दावे के बाद आया था। मतीन ने दावा किया था कि भोसले और तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक हेमंत देसाई तथा दो अन्य पुलिसकर्मियों को 2002 के घाटकोपर विस्फोट मामले के आरोपी यूनुस को उसने मारते - पीटते देखा था। यूनुस की मां आसिया बेगम ने इस महीने सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय से संपर्क किया था। 

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