अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के कदम से लोकतंत्र और संघीय ढांचे की हुई हत्या: माकपा

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[email protected] । Aug 5 2019 5:47PM

पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार ने इस विश्वास को तोड़कर जम्मू कश्मीर की जनता के साथ विश्वासघात किया है। पोलित ब्यूरो ने सरकार के इस फैसले को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताते हुये कहा कि यह महज जम्मू कश्मीर को ही प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि यह लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और स्वयं संविधान पर हमला है।

नयी दिल्ली। वामदलों ने जम्मू कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के मोदी सरकार के फैसले को जनविरोधी बताते हुये कहा है कि सरकार के इस कदम से लोकतंत्र और संघीय ढांचे की हत्या हुयी है। माकपा पोलित ब्यूरो द्वारा सोमवार को जारी बयान के अनुसार ‘‘मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 खत्म कर लोकतंत्र और संविधान पर कुठाराघात किया है।’’ पार्टी ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने इस विश्वास के साथ खुद को भारत के साथ हमेशा एकजुट रखा कि उनके राज्य को मिली स्वायत्तता और विशेष राज्य का दर्जा बरकरार रहेगा। 

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पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार ने इस विश्वास को तोड़कर जम्मू कश्मीर की जनता के साथ विश्वासघात किया है। पोलित ब्यूरो ने सरकार के इस फैसले को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताते हुये कहा कि यह महज जम्मू कश्मीर को ही प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि यह लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और स्वयं संविधान पर हमला है। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता शुरु से ही सभी प्रकार की विषम परिस्थितियों के बावजूद भारत के साथ एकजुटता से खड़ी रही। जम्मू कश्मीर का इस प्रकार से बंटवारा करना वहां की जनता पर जालिमाना हमला है। 

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अनजान ने कहा, ‘‘जरूरत इस बात की थी कि इतना बड़ा फैसला करने से पहले उपयुक्त माहौल बनाया जाता। इससे यह संदेश गया है कि मोदी सरकार देश के अन्य राज्यों को भी कश्मीर की तर्ज पर कभी भी बांट सकती है। देश की एकता और अखंडता के लिये यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण दिन है।’’ 

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