रिजिजू उतरे भागवत के पक्ष में, कहा- सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत किसने मांगा था
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने सेना पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी का बचाव किया, इस पर विपक्षी तृणमूल कांग्रेस ने उनकी आलोचना करते हुए उन्हें ‘‘संघ का मंत्री’’ बताया।
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने सेना पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी का बचाव किया, इस पर विपक्षी तृणमूल कांग्रेस ने उनकी आलोचना करते हुए उन्हें ‘‘संघ का मंत्री’’ बताया। गृह राज्य मंत्री रिजिजू ने भागवत की आलोचना करने वाली कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि उसे सेना का राजनीतिकरण करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारतीय सेना हमारा गौरव है। आपात स्थिति (कांग्रेस का आपातकाल नहीं) में प्रत्येक भारतीय को रक्षा बलों के साथ खड़े होने की पेशकश करनी चाहिए। भागवत जी ने केवल यही कहा कि किसी भी व्यक्ति को एक प्रशिक्षित सैनिक बनने के लिए छह-सात महीने का समय लगता है और यदि संविधान अनुमति दे तो आरएसएस स्वयंसेवकों में योगदान देने की क्षमता है।’’
रिजिजू ने एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस पर यह कहते हुए निशाना साधा कि ‘‘भारतीय सेना से सर्जिकल हमले का सबूत किसने मांगा था?’’ उन्होंने कहा, ‘‘कभी भी भारतीय सेना का राजनीतिकरण करने का प्रयास नहीं करिये। कांग्रेस ने 2004 में धार्मिक आधार पर गणना के जरिये सेना को कमजोर करने का प्रयास किया था लेकिन सेना मैदान में टिकी रही।’’
तृणमूल कांग्रेस ने सवाल किया कि एक मंत्री आरएसएस प्रमुख का बचाव क्यों कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘‘रिजिजू के ट्वीट के बाद अब यह और स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार आरएसएस द्वारा रिमोर्ट कंट्रोल द्वारा नियंत्रित की जा रही है।’’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किरण रिजिजू एक राज्य मंत्री नहीं बल्कि संघ के एक मंत्री हैं। सरकार के मंत्री आरएसएस का समर्थन और बचाव कर रहे हैं।’’
आरएसएस ने कहा है कि उनके प्रमुख के भाषण का गलत अर्थ निकाला गया। भागवत ने भारतीय सेना की तुलना संघ के स्वयंसेवकों से नहीं की और मामले में उनकी टिप्पणी को ‘‘गलत तरीके से पेश किया गया।’’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भागवत पर सेना और देश के लिए अपनी जान देने वालों का ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाया है।
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