किरेन रिजिजू ने चीन पर याद दिलाया 2005 का मनमोहन काल, कहा- कांग्रेस इसे भूल रही है
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि2005 में जब हम विपक्ष में थे और बॉर्डर के विषय को उठाया था तब प्रणब दादा और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझे बुलाकर कहा था कि भारत-चीन सीमा के मुद्द संवेदनशील होते हैं। उसे उजागर न करके आंतरिक रूप से निपटना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2008 में चीनी राष्ट्रपति जब भारत आए थे तब भी हमने चर्चा की मांग की तब भी यही कहा गया। आडवाणी जी उस वक्त विपक्ष के नेता थे उन्होंने इस पर हामी भरी थी कि इसे बिना उजागर किए सुलझाया जाए। आज वही कांग्रेस बार-बार इसे चर्चा में लाने की मांग कर रही है। 2005 में जब हम विपक्ष में थे और बॉर्डर के विषय को उठाया था तब प्रणब दादा और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझे बुलाकर कहा था कि भारत-चीन सीमा के मुद्द संवेदनशील होते हैं। उसे उजागर न करके आंतरिक रूप से निपटना चाहिए। कांग्रेस इसे भूल रही है और एक संवेदनशील मुद्दा उठा रही है जो अच्छा नहीं है। यह कांग्रेस थी जिसने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे पर काम नहीं किया।
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कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने संसद में चीन पर चर्चा को लेकर सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम चीन पर चर्चा चाहते हैं। घुसपैठ क्यों नहीं रोकी जा रही है? हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि तैयारियों का स्तर क्या है, चीनी सैनिकों के साथ 16 दौर की बातचीत में पीएलए ने क्या हासिल किया, प्रधानमंत्री ने बाली में चीनी राष्ट्रपति शी से क्या कहा? कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि हम सदन में भारत-चीन के मुद्दे को लेकर चर्चा चाहते हैं, चर्चा अगर नहीं हुई और एकतरफा उत्तर हुआ तो उसका क्या मतलब है?
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