लद्दाख में मतदाताओं से अधिक होंगे चुनावकर्मी, हेलिकाप्टरों से पहुंचती है सामग्रियां

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सिर्फ चुनाव सामग्री या फिर चुनावकर्मियों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाना ही हेलिकाप्टरों पर निर्भर नहीं है बल्कि प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार भी कई जगहों पर वायुसेना पर ही टिका हुआ है।

जम्मू। बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में होने जा रहे लोकसभा चुनावों का खास पहलू यह है कि यह हमेशा की तरह पूरी तरह से भारतीय वायुसेना के हेलिकाप्टरों पर निर्भर है। सिर्फ चुनाव सामग्री या फिर चुनावकर्मियों को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाना ही हेलिकाप्टरों पर निर्भर नहीं है बल्कि प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार भी कई जगहों पर वायुसेना पर ही टिका हुआ है। यही नहीं इसी जिले में कई मतदान केंद्र हजारों फीट की उंचाई पर स्थित हैं तो एक मतदान केंद्र ऐसा भी है जहां मतदाताओं से ज्यादा संख्या मतदानकर्मियों की होगी। 6 मई को लद्दाख के लोकसभा क्षेत्र में मतदान होना है। यह सभी इलाके सर्दियों में बर्फ के गिरने के कारण शेष विश्व से कम से कम छह माह के लिए कट जाते हैं। 434 किमी लम्बा श्रीनगर-लेह राजमार्ग भी अभी बंद है जिसके मतदान से पहले खुलने की उम्मीद लगाई जा रही है।

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इस जिले में करीब 17 मतदान केंद्र ऐसे हैं जो समुद्रतल से 10 हजार से लेकर 16000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। इन 17 में से 12 केंद्र लेह में हैं और 5 करगिल में। इन तक मतदानकर्मियों का पहुंचना अगर आसान नहीं है तो मतदान सामग्री को पहुंचाना भी खाला जी का घर नहीं है। यही कारण है कि लद्दाख में चुनाव पूरी तरह से भारतीय वायुसेना पर निर्भर होता है। इसके लिए वायुसेना की ओर से चीता हेलिकाप्टर सेवा में लगाए जा रहे हैं। आधिकारिक तौर पर बताया जा रहा है कि ऊंचाई वाले 17 मतदान केंद्रों तक चुनाव सामग्री और कर्मी पहुंचाने को एक-एक चीता हेलिकाप्टर को कम से कम चार बार उ़ड़ानें भरनी होंगी और इस प्रकार 68 से अधिक उड़ानें ये हेलिकाप्टर भरेंगें। जबकि सुरक्षाकर्मियों को यहां तक पहुंचाने के लिए भरी जाने वाली उड़ानें अलग से होंगी।

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इसी प्रकार की दिक्कतें लद्दाख की सीटों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को पेश आ रही हैं। लद्दाख के कई इलाके अभी भी बर्फ से ढके हैं। कई दुर्गम इलाके सड़क मार्ग से पूरी तरह से कटे हुए हैं और प्रशासन ने फिलहाल उम्मीदवारों के उस आग्रह पर कोई ध्यान नहीं दिया है जिसमें उन्होंने प्रचार के लिए फ्री हेलिकाप्टर सेवा की मांग की थी। लद्दाख के चुनाव के कई रोचक पहलुओं में से एक यह भी था कि 14 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित थुकजे गोम्पा पोलिंग स्टेशन पर सिर्फ पांच मतदाता मतदान करेंगे। राज्य में यही एकमात्र ऐसा मतदान केंद्र हैं जहां मतदाताओं की सबसे कम संख्या है। जबकि अनले फू मतदान केंद्र 16000 फुट की ऊंचाई पर है जहां 17 मतदाता हैं। ऐसे कई मतदान केंद्र और भी हैं जहां मतदाताओं की संख्या 10 से 35 तक है और यह सभी कई हजार फुट की ऊंचाई पर हैं। जहां पहुंचने के लिए हेलिकाप्टर के सिवाय कोई रास्ता नहीं है जबकि वहां का तापमान लोगों को दिन में भी कमरे में बंद रहने को मजबूर करता है।

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