जानिए क्यों हर मनाया जाता है National Voters Day, कैसे और किस उम्र के व्यक्ति डाल सकते हैं वोट

National Voters Day
प्रतिरूप फोटो
ANI
Anoop Prajapati । Jan 25 2025 10:33AM

मतदाताओं को उनके वोट के अधिकार के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी के दिन मनाया जाता है। लोगों को जागरूक करने के अलावा राष्ट्रीय मतदाता दिवस के जरिए देश के नागरिकों को निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है।

देश के मतदाताओं को उनके वोट के अधिकार के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी के दिन मनाया जाता है। लोगों को जागरूक करने के अलावा राष्ट्रीय मतदाता दिवस के जरिए देश के नागरिकों को निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। हमारे देश में ऐसे भी कई लोग हैं जिनका वोटर आईडी कार्ड नहीं बना है। ऐसे में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर नए मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। इस दिवस के मौके पर केंद्रीय निर्वाचन आयोग कई कार्यक्रमों का आयोजन करता है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास

आज ही के दिन 25 जनवरी 1950 को भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना नई दिल्ली में हुई थी। युवाओं को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस पहली बार 2011 में मनाया गया था। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज का दिन एक उत्सव है। भारत के लोकतंत्र और वोट देने की आजादी दोनों की। चुनाव आयोग का प्राथमिक लक्ष्य मतदाता पंजीकरण को बढ़ावा देना है, विशेषकर योग्य मतदाताओं के बीच।

जानिए इस दिवस का महत्व

भारत दुनिया का सबसे लोकतांत्रिक देश है। जहाँ हर नागरिक को वोट देने का मूल अधिकार है। उसे अपने नेता को चुनने का अधिकार है, जिसे वह देश का नेतृत्व करने, आम लोगों की समस्याओं को हल करने, बदलाव लाने आदि में सक्षम समझता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण आधार है क्योंकि देश का भविष्य हमारे द्वारा चुने गए नेता पर निर्भर करता है।

कैसे मनाएं इस दिवस का जश्न ?

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उत्सव आम तौर पर भारत सरकार और गैर सरकारी संगठनों और संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न प्रमुख जागरूकता गतिविधियों पर केंद्रित रहता है। जो अपने अधिकारों और शक्तियों के बारे में नागरिकों की जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करते हैं। उत्सव का उद्देश्य समग्र रूप से मतदान को प्रोत्साहित करना और मतदान के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाना है। देश में मतदान की उम्र पहले 21 साल थी, वहीं 1988 में इसे घटाकर 18 साल कर दिया गया। 1998 के 61वें संशोधन विधेयक द्वारा भारत में मतदान की उम्र कम कर दी गई।

कहां मतदान कर सकता है कोई व्यक्ति?

चुनाव आयोग किसी व्यक्ति को उसी स्थान पर वोट देने की अनुमति देता है, जहाँ वह रहता है। अगर अलग-अलग जगहों से वोट दिया जाता है, तो इसे अपराध माना जाता है और जब भी वह अपना निवास स्थान बदलता है, तो उसे चुनाव आयोग को इसकी सूचना देनी चाहिए। जब कोई व्यक्ति 18 साल का हो जाता है, तो वह भारत का नागरिक होने के नाते खुद को मतदाता के रूप में नामांकित कर सकता है। साथ ही चुनाव आयोग हर पाँच साल में और चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन करता है।

मतदान के समय मतदाता पहचान पत्र ले जाना ज़रूरी नहीं है। आप अपना पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड आदि ले जा सकते हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत में हर साल 25 जनवरी को युवाओं में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दिन है ताकि वे एक जिम्मेदार व्यक्ति के लिए अपना वोट डाल सकें और देश के विकास में भाग ले सकें।

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