कोरेगांव-भीमा हिंसा मामला: पांच कार्यकर्ताओं की नजरबंदी कल तक के लिये बढ़ी
उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले के सिलसिले में गिरफ्तार पांच कार्यकर्ताओं की नजरबंदी की अवधि बुधवार को कल तक के लिये बढ़ा दी।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले के सिलसिले में गिरफ्तार पांच कार्यकर्ताओं की नजरबंदी की अवधि बुधवार को कल तक के लिये बढ़ा दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ इन कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरूवार को आगे सुनवाई करेगी।
इन गिरफ्तारियों के खिलाफ इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य ने याचिका दायर की हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को अनेक स्थानों पर छापे मार कर तेलुगू कवित वरवरा राव, अशोक फरेरा, वर्नेन गोन्साल्विज, शोभा भारद्वाज और गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया था।
पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान 17 सितंबर को कहा कि यदि यह पता चला कि पुलिस ने साक्ष्य गढ़े हैं तो वह विशेष जांच दल से इसकी जांच का आदेश दे सकती है। पीठ ने यह भी कहा था कि इन कार्यकर्ताओं की गिरफ्तरी का आधार बनायी गयी सामग्री की विवेचना की आवश्यकता है।
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