कुशवाहा से अलग होकर नीतीश के साथ जाना भाजपा को पड़ेगा भारी
भाजपा के समर्थन से 2014 में चुनाव जीतने वाले बिहार से एक लोकसभा सांसद ने बुधवार को कहा कि भगवा पार्टी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हाथ मिलाने का नुकसान उठाना पड़ेगा और उन्होंने विपक्ष के साथ जाने का संकेत दिया।
नयी दिल्ली। भाजपा के समर्थन से 2014 में चुनाव जीतने वाले बिहार से एक लोकसभा सांसद ने बुधवार को कहा कि भगवा पार्टी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हाथ मिलाने का नुकसान उठाना पड़ेगा और उन्होंने विपक्ष के साथ जाने का संकेत दिया। जहानाबाद के सांसद अरुण कुमार ने राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (आरएलएसपी) के नेता और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा द्वारा अपने कथित अपमान पर चलाये जा रहे अभियान में उनका समर्थन भी किया। अरुण कुमार आरएलएसपी में थे लेकिन उन्होंने कुशवाहा के खिलाफ बगावत कर अपनी अलग पार्टी बना ली थी। अब, कुशवाहा के प्रति उनका समर्थन राजनीतिक रुप से अहम इस राज्य में अंदरखाने राजनीतिक समीकरण के बदलने को रेखांकित करता है।
जब अरुण कुमार से पूछा गया कि क्या वह लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा कि वह इसके लिए तैयार हैं बशर्ते उन्हें ‘सम्मानजनक पेशकश’ मिले। उन्होंने ‘आतंक के शासन’ को लेकर राज्य सरकार की आलोचना भी की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कुशवाहा के हमले पर बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा उनका बचाव करने के कदम को भी खारिज कर दिया और कहा कि वह मात्र उनके दरबारी हैं जो मुख्यमंत्री के कहने पर दिन को रात भी कह देंगे। कुशवाहा ने जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनके लिए कथित रुप से ‘नीच’ शब्द का इस्तेमाल कर उनका अपमान किया था । उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री से माफी की मांग की थी । हालांकि जदयू और कुमार ने आरोप से इनकार किया था।
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