श्रम मंत्री बोले, देश में रोजगार की नहीं बल्कि उत्तर भारत में योग्य लोगों की कमी, विपक्ष ने किया पलटवार

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[email protected] । Sep 16 2019 11:07AM

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि ऐसे बयान हास्यास्पद हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “देश में छाई आर्थिक मंदी के बीच केंद्रीय मंत्रियों के अलग-अलग हास्यास्पद बयानों के बाद अब देश और खासकर उत्तर भारतीयों की बेरोजगारी दूर करने के बजाय यह कहना कि रोजगार की कमी नहीं, बल्कि योग्यता की कमी है, अति शर्मनाक है।

लखनऊ। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि देश में रोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है लेकिन उत्तर भारत में आने वाले नियोक्ताओं की शिकायत है कि रिक्तियां भरने के लिये “योग्य लोगों” की कमी है। गंगवार के शनिवार को दिए इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने पलटवार किया। विपक्ष ने उन पर उत्तर भारत के लोगों के अपमान का आरोप लगाया। मई में जारी आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1 फीसद थी जो 45 सालों में सबसे ज्यादा है। गंगवार की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब इन आंकड़ों को लेकर सरकार की आलोचना हो रही है। गंगवार ने शनिवार को अपने लोकसभा क्षेत्र बरेली में संवाददाताओं को बताया, इन दिनों अखबारों में रोजगार की बात आ रही है। मैं इसी मंत्रालय का कामकाज देख रहा हूं और रोज ही इस विषय पर मंथन किया जाता है। मुझे समस्या समझ में आ गयी है।”

उन्होंने कहा, “उत्तर भारत आने वाले नियोक्ताओं की शिकायत है कि उन्हें जो रिक्तियां भरनी हैं उसके लिये योग्य लोगों की कमी का सामना कर रही हैं।” केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर विपक्षी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा किसरकार ऐसी “अपमानजनक” टिप्पणियों के जरिये आर्थिक मंदी की वजह से जाने वाली नौकरियों के आरोप से बचने की कोशिश कर रही है।  उन्होंने कहा, “मंत्रीजी, पांच साल से ज्यादा आपकी सरकार है।

नौकरियां पैदा नहीं हुईं। जो नौकरियां थीं वो सरकार द्वारा लाई आर्थिक मंदी के चलते छिन रही हैं। आप उत्तर भारतीयों का अपमान करके बच निकलना चाहते हैं।” कांग्रेस महासचिव ने कहा, “नौजवान रास्ता देख रहे हैं कि सरकार कुछ अच्छा करे।” बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि ऐसे बयान हास्यास्पद हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “देश में छाई आर्थिक मंदी के बीच केंद्रीय मंत्रियों के अलग-अलग हास्यास्पद बयानों के बाद अब देश और खासकर उत्तर भारतीयों की बेरोजगारी दूर करने के बजाय यह कहना कि रोजगार की कमी नहीं, बल्कि योग्यता की कमी है, अति शर्मनाक है। इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।’’

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