चारा घोटाले के डोरण्डा कोषागार से निकासी मामले में लालू की पेशी, गवाही पूरी

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[email protected] । Jan 16 2020 4:45PM

सितंबर 2013 में चारा घोटाले के पहले मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद वह 2014 में जमानत पर रिहा हुए लेकिन एक बार फिर 23 दिसंबर, 2017 को लालू चारा घोटाले के एक अन्य मामले में सजा सुनाये जाने के बाद बिरसा मुंडा जेल में भेजे गये और तब से वह जेल में हैं।

रांची। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की बृहस्पतिवार को यहां चारा घोटाले के डोरण्डा कोषागार से 139 करोड़, 35 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी हुई। न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि के समक्ष आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत उनका बयान दर्ज किया गया। न्यायाधीश ने लालू से कुल 32 सवाल पूछे जिनका लालू यादव ने अपने अंदाज में जवाब दिया और दावा किया कि इस मामले में उन्हें जो लोग गलत मिले उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के उन्होंने ही निर्देश दिये और बाद में स्वयं उन्हें इसमें फंसाया गया। लालू ने दावा किया कि वह इस घोटाले में कहीं से भी शामिल नहीं हैं। लालू ने दावा किया कि उन्होंने स्वयं इस मामले में दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिये थे। जहां तक पशुपालन विभाग के अधिकारी एसबी सिन्हा को सेवा विस्तार दिये जाने का प्रश्न है वह उन्होंने विभाग के नियमों के अनुसार ही दिया था। इस मामले में उन्होंने कोई पक्षपात नहीं की थी।

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डोरण्डा मामले में लगभग तीन घंटे तक चली लालू की गवाही बृहस्पतिवार को पूरी हो गयी। यह रांची में लालू के खिलाफ चारा घोटाले का पांचवां और अंतिम मामला है। इससे पूर्व अन्य सभी चार मामलों में लालू के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालतें अपना फैसला सुना चुकी हैं और सभी मामलों में लालू को चौदह वर्ष से लेकर साढ़े तीन वर्ष तक की कैद और जुर्माने की सजा सुनायी जा चुकी है। फिलहाल, वह न्यायिक हिरासत में रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनकी इलाज चल रहा है। लालू का इलाज कर रहे चिकित्सक डीके झा ने कहा कि लालू का स्वास्थ्य ठीक है जिसके चलते उन्हें अदालत में पेश होने के लिए फिट घोषित किया गया।

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चारा घोटाले में लालू के खिलाफ छठां और अंतिम मामला बिहार के भागलपुर में चल रहा है। डोरंडा कोषागार से नब्बे के दशक में घोटाले के इस मामले में कुल 575 गवाह हैं और इस मामले में 111 आरोपी हैं। सीबीआई के जांच अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पहले सीबीआई ने 170 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी लेकिन जांच के दौरान अन्य के खिलाफ सबूत नहीं पाये गये। इस मामले में ग्यारह बक्सों में बंद एक हजार से अधिक कागजात अदालत में पेश किये गये हैं। सितंबर 2013 में चारा घोटाले के पहले मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद वह 2014 में जमानत पर रिहा हुए लेकिन एक बार फिर 23 दिसंबर, 2017 को लालू चारा घोटाले के एक अन्य मामले में सजा सुनाये जाने के बाद बिरसा मुंडा जेल में भेजे गये और तब से वह जेल में हैं।

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