चिकित्सकों से मकान खाली करवाने का दबाव बनाया तो कानून कार्रवाई की जाएगी : स्वास्थ्य मंत्री

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राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ और नर्सिंगकर्मियों से मकान खाली कराने का कोई मामला सामने आया तो उस मकान मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जयपुर। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ और नर्सिंगकर्मियों से मकान खाली कराने का कोई मामला सामने आया तो उस मकान मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना पीडितों को बचाने में लगे हुए चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ और नर्सिंगकर्मियों से कुछ जगहों पर कोरोना संक्रमण के डर के चलते उनके मकान मालिक उनसे मकान खाली करने के लिए दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करना अपराध है।

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यदि प्रदेश में ऐसा कोई मामला सामने आया तो उस मकान मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुश्किल हालात में हमें चिकित्साकर्मियों की हौसला अफजाई कर उनका सहयोग करना चाहिए।

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डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी को मात देने के लिए विभाग पूरी तरह सजग और मुस्तैद है। राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में आइसोलेशन और आईसीयू के बेडों में बढोतरी की गई है। राजस्थान के होटल्स, हॉस्टल्स आदि को काम में लिया जा रहा है। चिकित्सा मंत्री ने आमजन को आश्वस्त किया कि राज्य में कोरोना के मामले में हालात काबू में है। विभाग ने हाल ही वेंटिलेटर्स और उपकरण खरीदने के आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार के उपकरणों और सामग्री की कमी नहीं आने दी जाएगी। युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस से लड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 1100 से ज्यादा सैंपल लिए गए हैं। राज्य में अब 36 मरीज पॉजिटिव हो गए हैं। इसमें 3 लोग भीलवाड़ा और 1 जोधपुर से है।

में अब 16 पॉजिटिव मामले हो गए हैं, जो कि प्रदेश में सर्वाधिक हैं। जयपुर में 8 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। डॉ. शर्मा ने कहा कि जोधपुर में पश्चिम एशिया से 277 लोगों को बचाकर भारत लाए लोगों को सैन्य क्षेत्र में पृथक किया गया है। इनमें 149 महिला और 128 पुरुष हैं। इन सबकी जांच की गई है। इन सबकी नेगेटिव रिपोर्ट आई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जैसलमेर में ईरान से लाये गये 490 लोगों को पृथक किया गया था। हमने जोधपुर और अलवर में भी यह सुविधा विकसित की है। डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि जो कोई भी व्यक्ति पड़ोसी राज्य या विदेश से गांव में आता है, तो वहां के ग्राम सेवक, पटवारी, सरपंच, मीडिया या अन्य जनप्रतिनिधियों की यह जिम्मेदारी है वे इसकी सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को दें, ताकि चिकित्सा विभाग समय पर उनकी जांच कर सके। ऐसा करके हम वायरस के सामुदायिक प्रसार से बच सकते हैं। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आमजन से घरों से ना निकलने का आह्वान कर चुके हैं। इस पहल में आम आदमी के सहयोग की हमें जरूरत है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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