सीसीटीवी विवाद पर उपराज्यपाल और केजरीवाल सरकार आमने-सामने

Lieutenant and Kejriwal government face-off on CCTV dispute
[email protected] । May 14 2018 5:12PM

केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन सहित उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों और आप के सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री के सिविल लाइन स्थित आवास से अपराह्न तीन बजे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मार्च शुरू किया।

नयी दिल्ली। सीसीटीवी परियोजना पर आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव आज और तेज हो गया जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी कैबिनेट के मंत्री और विधायकों ने ‘‘भाजपा के दबाव में’’ परियोजना को ‘‘बाधित नहीं करने’’ की मांग को लेकर उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ मार्च किया। केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन सहित उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों और आप के सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री के सिविल लाइन स्थित आवास से अपराह्न तीन बजे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच मार्च शुरू किया। दो किलोमीटर लंबे मार्च के दौरान केजरीवाल, मंत्रियों और विधायकों ने उपराज्यपाल और भाजपा के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शन से पहले मुख्यमंत्री ने भाजपा पर प्रहार करते हुए आरोप लगाए कि वह नहीं चाहती कि सीसीटीवी परियोजना को लागू किया जाए इसलिए इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल के माध्यम से रूकवाया जा रहा है। 

आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महानगर में कम से कम दस लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा किया था। केजरीवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘उपराज्यपाल द्वारा बनाई गई समिति काफी खतरनाक है। समिति का गठन सीसीटीवी परियोजना को रोकने के लिए किया गया है।’’ बैजल ने कल केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि इस मुद्दे पर ‘‘बार-बार और जानबूझकर’’ लोगों और मीडिया को ‘‘गुमराह’’ किया जा रहा है। बैजल के पत्र के कुछ घंटे बाद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर जानना चाहा कि वह महिला सुरक्षा के मुद्दे का ‘‘राजनीतिकरण’’ क्यों कर रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाए थे कि उपराज्यपाल ने निर्वाचित सरकार को दरकिनार कर ‘‘मनमाने’’ तरीके से समिति का गठन किया और जानना चाहा था कि वह संविधान का ‘‘उल्लंघन’’ क्यों कर रहे हैं। 

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