उपराज्यपाल का निर्देश: फैसले का अधिकार देने के लिए नया तरीका अपनाएं

Lieutenant Governor, Instructions: Take the New Way to Give the Right to Decision
[email protected] । May 6 2018 3:26PM

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के विभागों के प्रमुखों और निकाय संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे फैसले का अधिकार देने के लिए एक नया तरीका अपनाएं और किसी व्यक्ति को दायित्व सौंपने के बजाए पद को दायित्व सौंपे।

नयी दिल्ली। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के विभागों के प्रमुखों और निकाय संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे फैसले का अधिकार देने के लिए एक नया तरीका अपनाएं और किसी व्यक्ति को दायित्व सौंपने के बजाए पद को दायित्व सौंपे। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभागों में जनता से जुड़े काम प्रभावित नहीं हों और किसी अधिकारी विशेष को फैसला लेने का अधिकार सौंपने के इंतजार में प्रशासन के पास फाइलें लंबित नहीं रहें। एक अधिकारी ने बताया कि उदाहरण के लिए , अगर व्यापार एवं कर विभाग में वैट अधिकारी की नियुक्ति की जानी है तो फिलहाल उसकी नियुक्ति के लिए आदेश जारी किया जाता है और फिर एक अधिसूचना भी जारी की जाती है , ताकि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उसे अधिकार दिए जा सकें। 

अधिकारी ने बताया ‘‘ अधिसूचना जारी करने के लिए फाइल संबद्ध अधिकारी को भेजी जाती है जो उसे मंजूरी देने के लिए अक्सर दो से तीन माह का समय लेता है।’’ उन्होंने कहा ‘‘लेकिन अब उप राज्यपाल के आदेशों के अनुसार , वैट अधिकारी नियुक्त किए जाने वाले अधिकारी के पास , उसकी नियुक्ति का आदेश जारी होने के पहले दिन से ही अधिकार होंगे।’’ बैजल के आदेश के बाद मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने दिल्ली सरकार के सभी विभागों के सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों तथा स्थानीय निकायों ने नयी व्यवस्था अपनाने को कहा है। अधिकारी ने बताया कि उप राज्यपाल के आदेश के साथ ही अब विशिष्ट अधिकारियों को अधिकार देने के लिए संबद्ध प्राधिकारियों के पास फाइलें भेजे जाने का वर्तमान चलन समाप्त हो जाएगा। 

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