पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

[email protected] । Jul 18 2016 3:55PM

पूर्वी राजस्थान में पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई गांवों का सम्पर्क टूट गया है और अनेक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

जयपुर। पूर्वी राजस्थान में पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई गांवों का सम्पर्क टूट गया है और अनेक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पिछले दो दिनों में करौली, भरतपुर, धौलपुर और आसपास के हिस्सों में लगातार बारिश के चलते बाढ़ जैसी स्थिति के कारण प्रशासन, पुलिस और आपदा राहत कर्मियों ने मोर्चा संभाल रखा है। हालांकि रविवार रात और आज सुबह बारिश से कुछ राहत मिली। भरतपुर जिला कलेक्टर लक्ष्मीनारायण सोनी ने आज बताया कि जिले में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है और लगभग 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शुक्रवार को राहत कार्यों के लिये सेना को बुलाया गया था, जिसे रविवार रात स्थिति में सुधार होने पर वापस भेज दिया गया।

उन्होंने कहा कि कई हिस्सों में और गांवों में जल भराव के कारण समस्या बनी हुई है लेकिन पानी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। धौलपुर जिला कलेक्टर सुची त्यागी ने बताया कि सेना के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के लिये बैठक की गई। उन्होंने कहा कि सेना के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की गई है लेकिन अभी तक स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ है। बारिश के कारण कई गांवों की सड़कें टूट गई हैं। ऐसी सड़कें और पुल जहां पानी का स्तर ऊंचा है और खतरनाक है, वहां लोगों को सुरक्षित सड़क और पुल पार कराने के लिये पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग की ओर से आज जारी भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए राहत और सुरक्षा के बंदोबस्त किये गये हैं। करौली जिला प्रशासन ने आज विद्यालयों में अवकाश घोषित किया है।

राहत कार्य में लगे एक अधिकारी ने बताया कि जिले में पांच-छह अस्थाई राहत शिविरों में लगभग 300 लोगों को सुरक्षित ठहराया गया है। कोई भी व्यक्ति पानी में फंसा हुआ नहीं है और सभी सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि करौली जिले में राहत और सुरक्षा के लिये राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 35 सदस्यों का दल मौजूद है। राजस्थान में कुल मिलाकार सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। एक जून से 17 जुलाई के मध्य सामान्य बारिश 149.85 मिलीमीटर के मुकाबले प्रदेश में 222.99 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य बारिश से 48.81 प्रतिशत ज्यादा है। अलवर, बांरा, भरतपुर, चित्तौड़गढ, चुरू, दौसा, झालावाड, झुंझुंनू, करौली, राजसमंद, सवाईमाधोपुर और सीकर सहित 12 जिले ऐसे हैं जहां असामान्य बारिश (60 प्रतिशत से अधिक बारिश) दर्ज की गई है, जबकि अजमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, धौलपुर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, कोटा टोंक और उदयपुर सहित 11 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से अधिक (20 प्रतिशत से 59 प्रतिशत तक बारिश) दर्ज की गई है। जैसलमेर, जोधपुर, और सिरोही जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है, वहीं बाडमेर, जालौर, और श्रीगंगानगर में बहुत कम (अल्प) बारिश दर्ज की गई है। बांसवाडा, नागौर पाली और प्रतापगढ़ में अब तक इस मानसून की सामान्य बारिश दर्ज की गई है। जल संसाधन विभाग के अनुसार प्रदेश में 822 बांधों में से 36 बांध पूर्णतया भरे हुए हैं और 391 बांधों में आंशिक पानी है, जबकि 395 बांध अभी भी खाली पड़े हैं।

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