रोचक रहा है हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष Gyan Chand Gupta का जीवन, बीजेपी ने Panchkula से फिर दिया टिकट
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष और पंचकूला से एकबार फिर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विधायक ज्ञान चंद गुप्ता। अपने जीवन के 75 वर्ष तक का यह सफ़र कर्म को अपना धर्म मानकर उन्होंने अनुशासन के साथ सफलता पूर्वक तय किया। ज्ञान चंद गुप्ता का यह सफ़र संघर्ष से भरा रहा है।
देश में कई कर्मवीरों को हरियाणा की धरती ने जन्म दिया है। ऐसे ही कर्मवीर हैं हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष और पंचकूला से एकबार फिर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विधायक ज्ञान चंद गुप्ता। अपने जीवन के 75 वर्ष तक का यह सफ़र कर्म को अपना धर्म मानकर उन्होंने अनुशासन के साथ सफलता पूर्वक तय किया। ज्ञान चंद गुप्ता का यह सफ़र संघर्ष से भरा रहा। वे चंडीगढ़ में मेयर बने तो चंडीगढ़ को सजाया और पंचकूला से विधायक बने तो ज़िले की कायापलट दी। इसके अलावा उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद हरियाणा के अपने क़ानून बनवाए और इसके साथ ही ई विधानसभा की शुरुआत की।
ज्ञान चंद गुप्ता महज चौदह वर्ष की आयु में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य बन गए थे। अपनी विनम्र शैली की वजह से ही वह देश के महानतम नेताओं के प्रिय बन गए है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ ही वह विपक्षी दलों के नेताओं के भी प्रिय बन गए। उनका जन्म डेराबस्सी के छोटे से गांव में हुआ था। वह अपने पिता के साथ वह परिवार के पोषण के लिए चंडीगढ़ आ गए। वह काम भी करते थे और पढ़ाई भी करते। उन्होंने डीएवी स्कूल में उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। ज्ञान चंद गुप्ता ने पॉलीटेक्निक में पढ़ाई की थी।
भारतीय जनता पार्टी को बनाने में उन्होंने भी अपनी अहम भूमिका निभाई थी। बीजेपी ने जब उनकी लगन देखी तो उन्हें चंडीगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। जिसके बाद वे लंबे अरसे तक बीजेपी चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष रहे। उनके जीवन में एक बड़ा परिवर्तन तब आया जब वर्ष 1995 में हमारे देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंडीगढ़ के प्रभारी बने। उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में काम करने का मौक़ा मिला। ज्ञान चंद गुप्ता ख़ुद बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनुशासन और कर्म पर विश्वास करते हैं। दो वर्ष बाद 1996 में जब नगर निगम चंडीगढ़ के चुनाव हुए तो भाजपा ने ज्ञान चंद गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया।
वह नगर निगम चुनाव में जीते और चंडीगढ़ के मेयर बन गए। ज्ञान चंद गुप्ता बेशक चंडीगढ़ में मेयर थे लेकिन उनकी लोकप्रियता पंचकूला में भी बढ़ती जा रही थी। यही वजह रही कि पार्टी ने उनको चंडीगढ़ छोड़कर पंचकूला में पार्टी का कार्यभार सँभालने को कहा। वर्ष 2014 में जब भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में चुनाव के लिए उतरी तो पंचकूला से उनको पार्टी का कंडीडेट बनाया गया। इन चुनाव में वह 48500 वोटों से जीत गए। भारतीय जनता पार्टी ने उनको चीफ व्हिप और पब्लिक एकाउंट कमेटी के चेयरमैन के रूप में ज़िम्मेदारी सौंपी।
वर्ष 2019 में वह पंचकूला विधानसभा से चुनाव लड़े तो जीत गए। चार नवंबर वर्ष 2019 को वह हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। ज्ञान चंद गुप्ता का राजनीतिक और सामाजिक जीवन लोगों के लिए रहा। पंचकूला के लोगों से ख़ुद जाकर मिलना उनकी ताक़त रही। जिस ताकत की वजह से उनका राजनीतिक जीवन सफलता के नए आयाम स्थापित करता रहा। पंचकूला में डवलपमेंट के साथ ही लोगों के लिए सुविधाएँ बढ़ाने का काम भी उन्होंने किया। डंपिंग ग्राउंड की समस्या को ख़त्म करवाने, निफ़्ट, बरवाला में इंडस्ट्रियल एरिया जैसे बड़े प्रोजेक्ट को लाने में उनका अहम योगदान रहा। उन्होंने हरियाणा में ई विधानसभा की शुरुआत करवाई जिस म़ॉडल को देखने और उसको फ़ॉलो करने के लिए अब दूसरे राज्यों के प्रतिनिधि भी लग गए हैं।
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