लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश, TDP ने लगाए मोदी सरकार पर बड़े आरोप
सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश हो चुका है और TDP सांसद ने अपनी रखते हुए कहा कि यह BJP-TDP की लड़ाई नहीं है बल्कि आंध्र प्रदेश के पांच करोड़ लोगों के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा है।
तेलगू देशम पार्टी ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के वादे पर केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार और वर्तमान भाजपा नीत सरकार पर प्रदेश के साथ धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि यह राज्य की जनता और केंद्र सरकार के बीच धर्मयुद्ध है और जनता वादा नहीं पूरा करने वालों को सबक सिखायेगी ।केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते हुए तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के जयदेव गल्ला ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विभाजन और तेलंगाना राज्य के गठन सबसे ज्यादा नुकसान आंध्र प्रदेश को हुआ, लेकिन संसद के भीतर और बाहर जो वादे किए गए थे वो पूरे नहीं हुए। उन्होंने आंध्र प्रदेश में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि ‘मोदी ने उस समय कहा था कि कांग्रेस ने मां (आंध्र प्रदेश) को मार दिया और बच्चे (तेलंगाना) को बचा लिया और अगर वह होते तो मां को भी बचा लेते।’
गल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने ये शब्द भूल गए जिसके लिए आंध्र प्रदेश की जनता भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी।उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा ‘अलोकतांत्रिक ढंग’ से किया गया और भाजपा ने भी इसमें साथ दिया। इस पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने पुरजोर विरोध किया और सदन में कुछ देर व्यवधान की स्थिति पैदा हो गई। टीआरएस के एक सदस्य ने रिकार्ड से अलोकतांत्रित शब्द हटाने की मांग की। चर्चा शुरू होने पर अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले तेदेपा के केसीनेनी ने स्पीकर सुमित्रा महाजन से अपने स्थान पर अपनी पार्टी के जयदेव गल्ला को बोलने का मौका देने का आग्रह किया। जयदेव गल्ला ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में आंध्रप्रदेश के साथ न्याय का वादा किया था लेकिन न तो कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने और पिछले चार वर्षो में राजग सरकार ने ही वादा पूरा नहीं किया।
तेदेपा सदस्य ने कहा, ‘‘ आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग की उसकी लड़ाई धर्मयुद्ध है, यह बहुमत और नैतिकता के बीच युद्ध है, यह प्रदेश की जनता और मोदी सरकार के बीच युद्ध है। ’’इससे पहले आज की कार्यवाही आरंभ होने पर विपक्ष के कई नेताओं ने कहा कि चर्चा के लिए समयसीमा नहीं होनी चाहिए। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चर्चा के लिए समयसीमा नहीं होनी चाहिए और अतीत में अविश्वास प्रस्ताव पर कई बार तीन-चार दिनों तक चर्चा हुई है। इसका तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने भी समर्थन किया।लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि अनंत समयसीमा नहीं दी जा सकती।इससे पहले बीजू जनता दल (बीजद) ने सदन से वाकआउट किया। बीजद सदस्य भतृहरि महताब ने कहा कि बीजद ने महसूस किया है कि संप्रग के 10 वर्षो के शासनकाल और राजग के चार वर्षो के कार्यकाल में ओडिशा की अनदेखी की है। इसिलये हम सदन से वाकआउट करते हैं।
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