करुणानिधि का सपना पूरा हुआ, बेटे स्टालिन चुने गये द्रमुक अध्यक्ष
एमके स्टालिन आज आम सहमति से द्रमुक के अध्यक्ष चुन लिये गये। पिता एम. करुणानिधि की मृत्यु के बाद उन्हें पार्टी अध्यक्ष चुना गया है। स्टालिन ने गत सप्ताह अध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
चेन्नई। एमके स्टालिन आज आम सहमति से द्रमुक के अध्यक्ष चुन लिये गये। पिता एम. करुणानिधि की मृत्यु के बाद उन्हें पार्टी अध्यक्ष चुना गया है। स्टालिन ने गत सप्ताह अध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। उनके खिलाफ कोई नामांकन दाखिल नहीं किया गया और आम सहमति से उन्हें अध्यक्ष चुन लिया गया। पार्टी महासचिव के. अंबाजगन ने यह जानकारी दी। पहले माना जा रहा था कि स्टालिन को अपने बड़े भाई एमके अलागिरी से चुनौती मिल सकती है या अलागिरी समर्थक अध्यक्ष पद के चुनाव में बाधा डाल सकते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
स्टालिन करुणानिधि के स्वाभाविक उत्तराधिकारी के तौर पर शुरू से ही देखे जा रहे थे क्योंकि अपने जीवनकाल में ही करूणानिधि ने कह दिया था कि उनके बेटे स्टालिन ने पार्टी में नंबर दो की हैसियत प्राप्त करने के लिए मेहनत से काम किया। एक तमिल साप्ताहिक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में 92 वर्षीय करूणानिधि ने कहा था कि स्टालिन ने कुर्बानियां दी हैं जैसे कि आपातकाल के दौरान वह जेल गए थे। एक सवाल पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई थी कि व्यापक तौर पर बात की जा रही है और ऐसी उम्मीद है कि स्टालिन द्रमुक के अगले अध्यक्ष हैं, तो करूणानिधि ने स्मरण किया कि उनके बेटे ने युवा उम्र में गोपालपुरम यूथ क्लब का संचालन शुरू किया था। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि बाद में स्टालिन आपातकाल के दौरान मीसा (आतंरिक सुरक्षा कानून) के तहत जेल भी गए थे। करूणानिधि ने आनंद विकेतन पत्रिका से कहा था, ‘‘जेल के अपने दिनों से जहां उसने बहुत परेशानी का सामना किया था, उसने बहुत मेहनत की और खुद को द्रमुक के भावी अध्यक्ष पद पर पहुंचाने के लिए व्यवस्थित तरीके से काम किया। इस पहलू से जाहिर तौर पर वह मेरा राजनीतिक वारिस है।’'
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