65 साल बाद एक बार फिर दिल्ली पहुंचा टिड्डी दल, रास्ते में कई जिलों में फसलें बर्बाद कीं

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टिड्डी दल शनिवार को हरियाणा के गुड़गांव, राष्ट्रीय राजधानी के सीमावर्ती क्षेत्रों और उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में पहुंच गया। टिड्डियों के आतंक को देखते हुए प्रशासन को चेतावनी जारी करनी पड़ी, वहीं केन्द्र सरकार ने कहा कि उसने स्थिति नियंत्रण के लिए और टीमें तैनात की हैं।

नयी दिल्ली/गुड़गांव/लखनऊ। टिड्डी दल शनिवार को हरियाणा के गुड़गांव, राष्ट्रीय राजधानी के सीमावर्ती क्षेत्रों और उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में पहुंच गया। टिड्डियों के आतंक को देखते हुए प्रशासन को चेतावनी जारी करनी पड़ी, वहीं केन्द्र सरकार ने कहा कि उसने स्थिति नियंत्रण के लिए और टीमें तैनात की हैं। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने पायलटों को हवाईअड्डे के आसपास टिड्डी दल को लेकर सतर्क रहने को कहा है। पिछले करीब डेढ़ महीने से टिड्डियों का दल पाकिस्तान से झुंड में राजस्थान आ रहा है और अपने रास्ते में आने वाले राज्यों की फसलें बर्बाद कर रहा है।

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पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान ने केन्द्र से अनुरोध किया है कि वह टिड्डियों को नष्ट करने के लिए कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव हेलीकॉप्टर से करे। हालांकि दिल्ली में टिड्डी दल ने अभी तक नुकसान नहीं पहुंचाया है। दोपहर के आसपास टिड्डी दल के आने से गुड़गांव के कुछ हिस्सों में आसमान ढक सा गया और कई किलोमीटर तक फैले टिड्डियों का यह झुंड रात को रेवाड़ी जिले में जाकर रूक गया। जिला प्रशासन ने शुक्रवार को ही परामर्श जारी कर लोगों को एहतियात के तौर पर अपने-अपने घरों के दरवाजें और खिड़कियां बंद रखने को कहा था। इसके बावजूद पेड़ों, छतों और पौधों पर बैठे टिड्डी दल से लोग चिंतित हैं और कई लोगों ने अपने घरों की बालकनी से बनाये गये वीडियो भी साझा किये हैं।

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टिड्डी दल दक्षिणी दिल्ली के द्वारका और असोला भाटी में भी दिखा। टिड्डियों के गुड़गांव पहुंचने के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उनके संभावित हमले से निपटने की रणनीति बनाने के लिए आपात बैठक बुलायी थी। आप सरकार ने सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है और सभी जिला मजिस्ट्रेटों से कहा है कि टिड्डियों के संभावित हमले से निपटने के लिए वे दमकल विभाग के साथ मिलकर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। दिल्ली विकास आयुक्त की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है कि निवासी तेज आवाज करके, जैसे ढोल या बर्तन बजाकर, तेज आवाज में संगीत बजाकर, पटाखे जलाकर या नीम के पत्ते जलाकर इन टिड्डियों को अपने घरों से दूर रख सकते हैं। लोगों से अपने-अपने घरों के दरवाजें-खिड़कियां बंद रखने और बाहर लगे पौधों को प्लास्टिक की चादर से ढंकने को कहा गया है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 29 मई को टिड्डी दलों से निपटने के लिए पायलटों और इंजीनियरों आदि के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।

डीजीसीए का कहना है कि टिड्डियों से विमान को उड़ान भरते हुए और आपात स्थिति में उतरते वक्त खतरा हो सकता है। अधिकारियों का कहना है कि हवा की दिशा बदलने के साथ ही टिड्डियों का दल उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गया है, गुड़गांव के आसपास से फसलों को नुकसान की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि टिड्डियों का एक बहुत बड़ा झुंड राजस्थान के झुंझुनू से आया, लेकिन शुक्रवार की शाम कीटनाशक के स्प्रे से उनमें से करीब एक तिहाई हरियाणा के रेवाड़ी में मारे गए।

उसके बाद टिड्डी दल तीन झुंडों में उत्तर प्रदेश की ओर चले गए। एक झुंड गुडगांव की तरफ आया, वहां से वह फरीदाबाद होते हुए उत्तर प्रदेश की ओर चला गया। एक दूसरा दल दिल्ली में द्वारका में घुसा, वहां से वह दौलताबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद होते हुए उत्तर प्रदेश चला गया। तीसरा समूह हरियाणा के पलवल में दिखा था, लेकिन वह भी वहां से उत्तर प्रदेश चला गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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