शिवराज सरकार ने किसानों के हित में उठाया यह बड़ा कदम

[email protected] । Jun 23 2017 3:52PM

मध्य प्रदेश में कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन की बेहतर सुविधाओं संबंधी अनुशंसा करने के लिये ''मध्य प्रदेश कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग'' का गठन किया गया है।

भोपाल। मध्य प्रदेश में कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन की बेहतर सुविधाओं संबंधी अनुशंसा करने के लिये 'मध्य प्रदेश कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग' का गठन किया गया है। इससे किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम मिलेंगे। मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने आज यहां बताया, 'राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग का गठन किया है। यह प्रदेश में कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन की बेहतर सुविधाओं संबंधी अनुशंसा करेगा।' उन्होंने कहा कि इस आयोग का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। उन्होंने बताया कि कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा आयोग के लिये यथा अपेक्षित प्रशासकीय अमला और बजट उपलब्ध करवाया जायेगा।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के किसान अपनी उपज के वाजिब दाम और अन्य मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन पर थे और इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने प्याज, गेहूं, संतरे एवं दलहन सहित अपनी विभिन्न उपजों के वाजिब दाम न मिलने के कारण प्रदेश में आंदोलन किया था। तब हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ एवं लूटपाट की घटनाएं हुई थीं। इस दौरान छह जून को मंदसौर के पिपलियामंडी में पुलिस की गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हुई थी। इन घटनाओं के बाद किसानों को शांत करने और उन्हें उनकी उपज के वाजिब दाम दिलाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'मध्य प्रदेश कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग' का गठन करने की घोषणा की थी। अधिकारी ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को वेतन भत्ते तथा अन्य सुविधाएँ देने के संबंध में अलग से आदेश जारी किये जायेंगे।

अधिकारी ने कहा कि राज्य शासन द्वारा इस संबंध में जारी आदेशानुसार कृषि के क्षेत्र में अनुभवी व्यक्ति को इस आयोग का अध्यक्ष मनोनीत किया जायेगा। दो कृषक सदस्य शासन द्वारा मनोनीत किये जायेंगे, जो कृषि कार्य एवं कृषि विपणन के क्षेत्र में अनुभवी होंगे। साथ ही दो कृषि अर्थशास्त्रियों का आयोग में मनोनयन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि शासकीय प्रतिनिधि के रूप में पदेन कृषि उत्पादन आयुक्त एवं पदेन प्रमुख सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग आयोग में सदस्य रहेंगे। पदेन संचालक किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग आयोग के सचिव होंगे। अधिकारी ने कहा कि यह आयोग खरीफ, रबी तथा ग्रीष्मकालीन फसलों की लागत की गणना कर राज्य शासन को अनुशंसा करेगा। राज्य सरकार द्वारा बाजार हस्तक्षेप योजना में अपेक्षा किये जाने पर चयनित जिन्स की बाजार हस्तक्षेप दर के लिये राज्य शासन को सुझाव भी देगा।

उन्होंने बताया कि कृषि विपणन क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिये सुझाव देने के साथ-साथ शासन के निर्देशानुसार समय-समय पर विभिन्न फसलों के लिये अध्ययन करेगा। इसी के साथ, आयोग शासन को आवश्यकतानुसार कृषि मूल्य संबंधी एवं अन्य उत्पादन संबंधी समस्याओं पर सलाह भी देगा। इसके अलावा आयोग राज्य शासन द्वारा सौंपे गये अन्य कार्य भी करेगा। अधिकारी ने कहा कि आयोग खरीफ, रबी एवं ग्रीष्मकालीन फसलों की अवधि से पहले प्रतिवर्ष राज्य शासन को तीन प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। उन्होंने बताया कि आयोग की संचालन प्रक्रियाएं तथा आपरेशनल गाईडलाइन आयोग द्वारा अनुशंसित किये जाने पर राज्य शासन द्वारा पृथक से जारी की जायेंगी। आयोग में अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति के लिये भी अलग से आदेश जारी किये जायेंगे।

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