मध्य प्रदेश सरकार ने चुनावी वर्ष में पेश किया लोकलुभावन बजट
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश की भाजपानीत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए आज लोकलुभावन बजट पेश किया। बजट में किसानों के लिये कई सौगातें दी गई हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश की भाजपानीत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए आज लोकलुभावन बजट पेश किया। बजट में किसानों के लिये कई सौगातें दी गई हैं। ऐसा कर संभवत: राज्य सरकार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ रही नाराजगी को दूर करना चाहती है। गौरतलब है कि अपनी उपज के वाजिब दाम दिलाने एवं ऋण माफी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले साल प्रदेश में हुए किसान आंदोलन के दौरान छह जून को आंदोलन के मुख्य केन्द्र मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई थी। अपनी उपज का वाजिब दाम न मिलने के कारण किसानों ने इस आंदोलन के दौरान अपने उत्पादों को भी सड़क पर फेंक दिया था। इसके अलावा, भाजपा के बागी नेता एवं पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में हाल ही में दो बार किसानों के समर्थन में आंदोलन किया।
इसी को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने कृषि बजट में वर्ष 2018-19 के लिए 37,498 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है, जो वर्ष 2017-18 के पुनरीक्षित अनुमान से 17 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए सिंचाई क्षेत्र के लिए 10,928 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है, जो वर्ष 2017-18 के पुनरीक्षित अनुमान से 17 प्रतिशत अधिक है।
सदन में बजट पेश करते हुए राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने अपने भाषण में कहा, ‘‘गेहूं तथा धान उत्पादक किसानों को प्रोत्सहित करने के उद्देश्य से ‘कृषक समृद्धि योजना’ प्रारंभ की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 9 लाख किसानों को प्रति क्विंटल 200 रूपये के मान से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना हेतु वर्ष 2018-19 के बजट में 3,650 करोड़ रूपये का प्रावधान है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय 5 वर्ष में दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। मलैया ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र की योजनाओं के लिए समग्र रूप से 32,948 करोड़ रूपये तथा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए समेकित रूप से 15,438 करोड़ रूपये का प्रावधान बजट में किया गया है।
मलैया ने कहा कि भोपाल एवं इन्दौर में मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण का निर्माण वर्ष 2018-19 में प्रारंभ करने का लक्ष्य है। हालांकि, इसके लिए उन्होंने बजट प्रावधान नहीं बताया। उन्होंने कहा कि समार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चयनित छह शहरों- भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर तथा सतना में नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं, स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण, जीने के लिए उच्च स्तरीय गुणवत्ता तथा स्मार्ट समाधान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना हेतु वर्ष 2018-19 के लिए 700 करोड़ रूपये का प्रावधान है। मलैया ने कहा कि वर्तमान में नियोजन में ऐसे व्यक्ति जिनका वार्षिक वेतन 1,80,000 रूपये तक है द्वारा वृत्ति कर देय नहीं है तथा इससे अधिक वार्षिक वेतन यह मजदूरी पर वृत्ति कर 2,500 रूपये देय है। उन्होंने कहा कि वृत्ति कर हेतु कर मुक्ति की सीमा बढ़ाकर 2,25,000 रूपये वार्षिक की जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 2,25,001 रूपये से 3 लाख रूपये तक वार्षिक वेतन के लिए देय कर 2,500 से घटाकर 1,500 रूपये, 3,00,001 से 4 लाख रूपये तक वार्षिक वेतन के लिए देय कर 2,500 रूपये से घटाकर 2,000 रूपये की जाना प्रस्तावित है। वहीं, 4,00,001 रूपये से अधिक वार्षिक वेतन वालों के लिए कर की देयता पूर्ववत 2,500 रूपये रहेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 के लिए कुल विनियोग की राशि 2,04,642 करोड़ रूपये, राजस्व मद अंतर्गत 1,55,623 करोड़ रूपये तथा पूंजीगत मद अंतर्गत 31,061 करोड़ रूपये प्रस्तावित है। मलैया ने बताया कि वर्ष 2018-19 की कुल प्राप्तियों 1,86,698 करोड़ रूपये तथा कुल व्यय 1,86,685 करोड़ रूपये अनुमानित होने से वर्ष का शुद्ध लेन-देन 13 करोड़ का अनुमान है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में राजस्व आधिक्य अनुमानित है। वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान 26,780 करोड़ रूपये हैं यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3–24 प्रतिशत अनुमानित है।
अन्य न्यूज़