मद्रास उच्च न्यायालय ने कार्ति का मामला विशेष अदालत स्थानांतरित करने के आदेश की प्रति मांगी

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[email protected] । Sep 10 2019 5:25PM

रजिस्ट्रार जनरल ने अपने जवाब में कहा कि ये मामले उच्चतम न्यायालय के 12 सितंबर, 201 के आदेशों के अनुरूप स्थानांतरित किये गये हैं। उन्होने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा कथित रूप से किये गये अपराध आय कर कानून की धारा 279ए के तहत वर्गीकृत किया गया है।

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने अभियोजन को कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा सांसद और विधायकों के मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत को स्थानांतरित करने के निचली अदालत के आदेश की प्रति पेश करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति पी डी औडिकेसावालू ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट, एगमोर के सामने लंबित कार्ति और उनकी पत्नी श्रीनिधि के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा शुरू आपराधिक मामला विशेष अदालत को स्थानांतरित करने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को यह निर्देश दिया। इसके बाद न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद के लिए मुकर्रर की।  सुनवाई के लिए मामलाआने पर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से दायर जवाबी हलफनामे में मामला स्थानांतरित करने को उचित ठहराया गया।

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रजिस्ट्रार जनरल ने अपने जवाब में कहा कि ये मामले उच्चतम न्यायालय के 12 सितंबर, 201 के आदेशों के अनुरूप स्थानांतरित किये गये हैं। उन्होने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा कथित रूप से किये गये अपराध आय कर कानून की धारा 279ए के तहत वर्गीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता पर जिन धाराओं के तहत आरोप लगाये गये हैं उनके लिये एक ऐसी अवधि के लिए जेल का प्रावधान है, जो छह महीने से कम नहीं होगी और जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा उन पर जुर्माना भी किया जा सकता है।

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जवाबी हलफनामे में आगे कहा गया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के काडर की अदालत को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की अदालत का आय कर कानून के उल्लंघन से संबंधित मुकदमो की सुनवाई का विशेष अधिकार नहीं है। इसमें कहा गया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देश के आलोक में विशेष अदालत को मामला स्थानांतरित किए जाने में कोई कानूनी विसंगति नहीं है जैसा कि याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है। कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एआरएल सुंदरेसन ने कहा कि उन्हें केवल रजिस्ट्रार जनरल के परिपत्र की प्रति दी गयी, लेकिन मामला विशेष अदालत स्थानांतरित करने के लिए संबंधित मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए आदेश की प्रति नहीं दी गयी। 

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