महानदी जल विवाद: न्यायाधिकरण के गठन को कैबिनेट की मंजूरी

Mahanadi water dispute: Cabinet approval for constitution of tribunal
[email protected] । Feb 20 2018 3:30PM

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी नदी के जल के बंटवारे के संबंध में विवाद का समाधान निकालने के लिये ‘न्यायाधिकरण’ गठित करने को मंजूरी प्रदान कर दी।

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी नदी के जल के बंटवारे के संबंध में विवाद का समाधान निकालने के लिये ‘न्यायाधिकरण’ गठित करने को मंजूरी प्रदान कर दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब उच्चतम न्यायालय ने लम्बे समय से चले आ रहे इस विवाद के निपटारे के लिये पिछले महीने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह एक महीने में न्यायाधिकरण का गठन करे। ओडिशा सरकार दिसंबर 2016 में अदालत गई थी और महानदी के ऊपरी हिस्से में छत्तीयगढ़ को परियोजनाओं पर निर्माण कार्य रोकने का आदेश देने की मांग की थी। 

ओडिशा का कहना है कि इससे उस राज्य में नदी का प्रवाह प्रभावित होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महानदी जल बंटवारे के संबंध अंतर राज्य नदी जल विवाद अधिनियम 1956 के तहत न्यायाधिकरण गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की दी। यह न्यायाधिकरण सम्पूर्ण महानदी बेसिन में जल की कुल उपलब्धता के आधार पर नदी के तटीय क्षेत्रों के राज्यों में पानी की हिस्सेदारी सुनिश्चित करेगा। इसके तहत प्रत्येक राज्य के योगदान, प्रत्येक राज्य के जल संसाधनों के वर्तमान उपयोग और भविष्य में इसके विकास की क्षमता पर भी ध्यान दिया जायेगा। 

अंतर राज्य नदी जल विवाद अधिनियम 1956 के तहत गठित न्यायाधिकरण में एक अध्यक्ष और दो अन्य सदस्य होंगे। इसके अलावा जल क्षेत्र से जुड़े संवेदनशील मुद्दों से निपटने का अनुभव रखने वाले दो जल विशेषज्ञों को भी इसमें शामिल किया जायेगा। 

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