वैक्सीन को लेकर तकरार, महाराष्ट्र के मंत्री बोले- UP-MP को ज्यादा डोज, हमें कम क्यों?

Maharashtra minister
अंकित सिंह । Apr 8 2021 2:57PM

मंत्री ने कहा कि मुझे अभी सूचित किया गया है कि केंद्र ने COVID19 वैक्सीन की खुराक 7 लाख से बढ़ाकर 17 लाख कर दी है। यह भी कम है क्योंकि हमें एक सप्ताह में 40 लाख वैक्सीन की जरूरत है और 17 लाख खुराकें पर्याप्त नहीं हैं।

देश में बढ़ते कोरोना वायरस को लेकर अब लगातार सक्रियता बढ़ती जा रही है। इन सब के बीच केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को कोरोना टीकाकरण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए गए हैं। दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार यह आरोप लगा रही है कि राज्य में कोरोना वैक्सीन के डोज कम ही बचे हैं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। इससे पहले राजेश टोपे ने कहा था कि राज्य के पास कोविड-19 के टीके की 14 लाख खुराकें ही बची हुयी हैं जो दो या तीन दिन ही चल पाएंगी और टीकों की कमी के कारण कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़ रहे हैं। टोपे ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे टीकाकरण केंद्रों पर आ रहे लोगों को वापस भेजा जा रहा है क्योंकि टीके की खुराकों की आपूर्ति नहीं हुई है।

आज एक बार फिर राजेश टोपे पर सवाल उठाए हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक राजेश टोपे ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन को लेकर जारी किए गए नए आदेश के अनुसार महाराष्ट्र को केवल 7.5 लाख वैक्सीन दी गई हैं। जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा आदि को महाराष्ट्र की तुलना में कहीं अधिक वैक्सीन दी गई हैं। मैंने और शरद पवार ने वैक्सीन को लेकर भेदभाव किए जाने के मु्द्दे पर डॉ.हर्षवर्धन से बात की है, हमारे पास सबसे अधिक संख्या में सक्रिय मरीज़,पॉजिटिविटि रेट है तो हमें इतनी कम वैक्सीन क्यों दी जाती हैं?उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि इसमें जल्द ही सुधार होगा।

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मंत्री ने कहा कि मुझे अभी सूचित किया गया है कि केंद्र ने COVID19 वैक्सीन की खुराक 7 लाख से बढ़ाकर 17 लाख कर दी है। यह भी कम है क्योंकि हमें एक सप्ताह में 40 लाख वैक्सीन की जरूरत है और 17 लाख खुराकें पर्याप्त नहीं हैं। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने महाराष्ट्र एवं कुछ अन्य राज्यों पर लोगों का ध्यान बंटाने और उनमें दहशत फैलाने के लिए ‘‘गैर जिम्मेदाराना’ बयान देकर एवं ‘‘निंदनीय’’ प्रयास के माध्यम से इस महामारी को लेकर उनकी ‘विफलताओं’ को ढंकने की कोशिश करने का आरोप लगाया। कड़े शब्दों में जारी किये गये बयान में मंत्री ने टीके की कमी के महाराष्ट्र सरकार के दावे को बकवास बताया और कहा कि राज्य के ‘लापरहवाहीपूर्ण’ रवैये ने इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश के प्रयास को कमतर किया है।

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