घुसपैठ को संरक्षण दे रही हैं ममता, NRC पर अपना रुख स्पष्ट करें राहुल: शाह

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[email protected] । Aug 12 2018 12:49PM

शाह ने कहा कि असम समझौता तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था और उस समय कांग्रेस को एनआरसी से कोई समस्या नहीं थी।

कोलकाता। असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का विरोध करने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि दोनों नेताओं को इस बारे में रुख स्पष्ट करना चाहिए कि उनके लिए पहले देश है या वोटबैंक। ममता बनर्जी पर उन्हीं के शासन वाले राज्य में हमला बोलते हुए शाह ने तृणमूल कांग्रेस पर बांग्लादेश से घुसपैठ और राज्य में भ्रष्टाचार को ‘‘संरक्षण’’ देने का आरोप लगाया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।

शाह ने कहा कि असम समझौता तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने किया था और उस समय कांग्रेस को एनआरसी से कोई समस्या नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के कारण गांधी बांग्लादेश से घुसपैठ पर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। शाह पर पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा की ‘‘सांप्रदायिक राजनीति बंगाल में नहीं चलेगी।’’ बंगाल में अगले लोकसभा चुनावों के लिए लगभग चुनावी बिगुल फूंकते हुए भाजपा प्रमुख ने यहां खासी भीड़ वाली जनसभा को संबोधित करते हुए अपने भाषण की शुरुआत तृणमूल सरकार को बंगाल से उखाड़ फेंकने के नारे से की और कहा कि वह राज्य के सभी जिलों का दौरा करेंगे।

उन्होंने कहा कि पार्टी का ‘‘विजय रथ तब तक नहीं रूकेगा’’ जब तक वह पश्चिम बंगाल में सत्ता में नहीं आ जाती। उन्होंने कहा,‘‘आप (ममता) बांग्लादेशी घुसपैठियों को क्यों रखना चाहती है? आपको अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि वह (बनर्जी) ‘‘वोट-बैंक की राजनीति’’ के कारण एनआरसी के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिये पूर्व की वामपंथी सरकार का वोट बैंक थे और अब वे टीएमसी का एक वोट बैंक बन गये है।

शाह ने कहा, ‘‘राहुल गांधी और ममता दीदी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा महत्वपूर्ण है या वोट बैंक। भाजपा के लिए देश पहले आता है।’’ एआईसीसी प्रवक्ता पवन खेरा ने यहां कहा कि कांग्रेस एनआरसी की नहीं बल्कि असम में इसे जिस तरह से लागू किया जा रहा है उसकी विरोधी है। उन्होंने शाह पर एनआरसी पर राजनीति करने का आरोप लगाया। खेरा ने कहा कि असम में एनआरसी का 80 प्रतिशत काम कांग्रेस ने कराया और बाकी का काम उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर भाजपा द्वारा कराया गया।

शाह ने तृणमूल कांग्रेस पर यह प्रपंच फैलाने का आरोप लगाया कि शरणार्थियों को देश से बाहर निकाला जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी शरणार्थियों को यह आश्वासन देना चाहता हूं कि उनके साथ कुछ नहीं होगा।’’ शाह ने कहा कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार इस उद्देश्य से नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 लेकर आई थी। वर्ष 2016 में लोकसभा में पेश विधेयक में नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए अवैध हिन्दू, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों प्रवासियों को नागरिकता प्रदान की गई है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को इस बारे में रुख स्पष्ट करना चाहिए कि वे विधेयक पर सहमत हैं या नहीं।’’ शाह ने कहा कि कुछ लोग घुसपैठियों के मानवाधिकार की बात करते हैं लेकिन बंगाल के नागरिकों हिन्दू और मुस्लिमों के मानवाधिकारों का क्या होगा।  शाह ने कहा, ‘‘उन्हें इस बारे में चिंता नहीं है।’’ ‘‘बंगाल विरोधी भाजपा से बंगाल छोड़ने के लिए कहने वाले’’ पोस्टरों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भाजपा न तो बंगाल विरोधी है और ना ही बांग्ला विरोधी। वह तृणमूल कांग्रेस के ‘‘कुशासन’’ की विरोधी है।

बंगाल से तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने का आह्वान करते हुए शाह ने दावा किया कि पार्टी भ्रष्टाचार को संरक्षण देती है। उन्होंने सवाल किया कि 14वें वित्त आयोग द्वारा राज्य को मुहैया ‘‘विशाल कोष’’ कहां गया। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता ने कांग्रेस, कम्युनिस्टों और तृणमूल कांग्रेस को मौका दिया है लेकिन ‘‘वे विकास करने में नाकाम रहे हैं। अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को मौका दीजिए। हम विकास लेकर आएंगे।’’ 

शाह ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने दुर्गा मूर्ति विसर्जन में बाधा पैदा करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के राज्य की सत्ता में आने पर दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा भव्य तरीके से मनाई जाएगी। जब तक बंगाल में भाजपा सत्ता में नहीं आती, हमारा विजय रथ नहीं रूकेगा।’’ भाजपा प्रमुख ने दावा किया कि तृणमूल ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न भागों में टीवी समाचार चैनलों को बंद कर दिया ताकि लोग उनका संबोधन न सुन पाएं। ममता पर घुसपैठ के मुद्दे पर यू टर्न लेने का आरोप लगाते हुए भाजयुमो प्रमुख पूनम महाजन ने तृणमूल कांग्रेस से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करने का अनुरोध किया। 

उधर, तृणमूल ने भाजपा अध्यक्ष शाह की रैली को ‘‘फ्लॉप शो’’ बताते हुए इस आरोप से इंकार किया कि उनकी जनसभा का टीवी कवरेज सत्तारूढ पार्टी के दबाव के कारण बंद कर दिया गया। तृणमूल ने एक बयान में कहा, ‘‘भाजपा ने बंगाल में एक और फ्लॉप शो किया। फ्लॉप जनसभा के बाद भाजपा बहाने बना रही है। वे कह रहे हैं कि उनकी जनसभा ‘ब्लैक आउट’ कर दी गई। ब्लैक आउट और ब्लैकमेल करना भाजपा का काम है। मीडिया का अपमान मत कीजिए। सबने दिखाया। हम भाजपा को चुनौती देते हैं। या तो वे इसे साबित करें या इस्तीफा दें।’’ 

तृणमूल ने आज असम में 30 जुलाई को एनआरसी का पूरा मसौदा प्रकाशित करने के प्रस्ताव के खिलाफ कोलकाता को छोड़कर राज्य के विभिन्न हिस्सों में धिक्कार दिवस का आयोजन किया। पुलिस ने कहा कि युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शाह को उस समय काले झंडे दिखाए जब वह रैली में शामिल होने के लिए यहां एनएससी बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से बाहर निकल रहे थे।

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