ममता को हत्याओं पर श्वेत-पत्र लाना चाहिए, सीएए लागू किया जाएगा: अमित शाह
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Nov 7 2020 9:49AM
राज्यपाल जगदीप धनखड़ और प्रदेश सरकार के बीच टकराव पर शाह ने कहा कि राज्यपाल अपने संवैधानिक दायरे के तहत काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के खिलाफ इस्तेमाल शब्द अस्वीकार्य हैं। मैं जानना चाहूंगा कि (दार्जिलिंग) के जिलाधिकारी कहां हैं जिन्हें राज्यपाल से मुलाकात के बाद हटाया गया था।
कोलकाता। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि वह राज्य में राजनीतिक हत्याओं पर श्वेत-पत्र लेकर आएं और हैरानी जताई कि प्रदेश सरकार ने क्यों राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को अपराध के आंकड़े नहीं भेजे। संशोधित नागरिकता कानून के लागू होने का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि कानून अपनी जगह है और यह केंद्र सरकार का संकल्प है। शाह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “विकास के नए युग में हम एक मजबूत बंगाल बनाने का लक्ष्य रखते हैं। ममता बनर्जी अपने भतीजे को अगला मुख्यमंत्री बनाने का लक्ष्य रखती हैं।”
उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार ने 2018 से एनसीआरबी को अपराध के आंकड़े नहीं भेजे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि ममता बनर्जी राजनीतिक हत्याओं पर श्वेत-पत्र लेकर आएं। राजनीतिक हत्याओं के लिहाज से बंगाल शीर्ष पर है।” राज्य में सरकारी अधिकारियों का राजनीतिकरण और अपराधीकरण होने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “पश्चिम बंगाल में तीन कानून हैं- एक भतीजे के लिये, एक अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण के लिये और एक आम लोगों के लिये।” राज्यपाल जगदीप धनखड़ और प्रदेश सरकार के बीच टकराव पर शाह ने कहा कि राज्यपाल अपने संवैधानिक दायरे के तहत काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “राज्यपाल के खिलाफ इस्तेमाल शब्द अस्वीकार्य हैं। मैं जानना चाहूंगा कि (दार्जिलिंग) के जिलाधिकारी कहां हैं जिन्हें राज्यपाल से मुलाकात के बाद हटाया गया था।In 2010, West Bengal gave reigns of the state to Mamata Banerjee. But 10 years down the line, their promises have been proved to be hollow and hopes of people have turned into despair: Amit Shah, Union Home Minister and BJP leader, in Kolkata pic.twitter.com/klDk9DKbAu
— ANI (@ANI) November 6, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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