नड्डा पर हमले को ममता ने बताया ड्रामा, पूछा- कोई आप पर हमला कैसे कर सकता है?

Mamata

वोटर कार्ड पहचान पत्र है। कुछ लोग हैं जिन्हें कोई काम नहीं है वे भाजपा में शामिल हो गए हैं। वे कह रहे हैं कि वे एनआरसी, सीएए और एनपीआर लागू करेंगे। लेकिन हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे, मैं चाहती हूं कि लोग वोटर कार्ड का महत्व समझें।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भाजपा रोजाना हथियारों के साथ रैलियां कर रही है और इसके कार्यकर्ता अपने साथी कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे हैं, जबकि भगवा पार्टी इसका आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर लगा रही है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने तंज करते हुए कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जैसे सुरक्षा बलों के कर्मी और सेना के जवान पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहे भाजपा के हर नेता के काफिले में तैनात हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल की पार्टी और भाजपा को दिल्ली एवं गुजरात की पार्टी बताते हुए लोगों से यहां चुनाव के दौरान ‘‘बाहर के गुंडों’’ को रोकने का अनुरोध किया। ममता ने कहा, ‘‘वे (भाजपा कार्यकर्ता) प्रतिदिन हथियारों के साथ (रैलियों में) पहुंच रहे हैं। वे खुद पर हमले कर रहे हैं और इसके लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जरा स्थिति के बारे में सोचिए। वे बीएसएफ, सीआरपीएफ, सेना और सीआईएसएफ के (कर्मियों के) साथ घूम रहे हैं। वे डरे हुए क्यों हैं?’’ सिलीगुड़ी में सात दिसंबर को एक विरोध प्रदर्शन रैली के दौरान एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत की घटना के बाद उनका यह बयान आया है। पुलिस ने दावा किया है कि सशस्त्र लोगों को रैली में लाया जा रहा और गोलीबारी में मारे गये व्यक्ति को जो गोली लगी थी, वह बल ने नहीं चलाई थी। हालांकि, भगवा पार्टी का कहना है कि उसके कार्यकर्ता की हत्या के पीछे पुलिस का हाथ है। दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर इलाके में ‘दुआरे सरकार’ (सरकार आपके द्वार) के एक शिविर का दौरा करने के बाद ममता ने कहा, ‘‘(राज्य के) बाहर से गुंडे चुनाव के दौरान बंगाल में क्यों आएंगे?’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी), संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू करने की भाजपा नीत केंद्र सरकार की कोशिशों की आलोचना की तथा लोगों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि उनके नाम मतदाता सूची में मौजूद रहे। ममता ने कहा, ‘‘वोटर कार्ड पहचान पत्र है। कुछ लोग हैं जिन्हें कोई काम नहीं है वे भाजपा में शामिल हो गए हैं। वे कह रहे हैं कि वे एनआरसी, सीएए और एनपीआर लागू करेंगे। लेकिन हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे, मैं चाहती हूं कि लोग वोटर कार्ड का महत्व समझें।’’ 

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उन्होंने अपनी पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार करने को लेकर भी भगवा पार्टी की आलोचना की। ममता ने कहा, ‘‘वे कह रहे हैं कि कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य में अराजकता है। मैं आपसे पूछती हूं कि क्या आप सड़क पर नहीं निकल पा रहे हैं? वे यह भी कह रहे हैं कि अनाज नहीं है, स्वास्थ्य (बुनियादी ढांचा) नहीं है। ’’ मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर कोई वित्तीय सहायता नहीं देने और राज्य द्वारा खर्च की गई राशि का विवरण मांगने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवात अम्फान के बाद कोई धन नहीं दिया गया। हम स्वास्थ्य साथी (स्वास्थ्य बीमा योजना) चलाएंगे और वे खर्च के बारे में विवरण मांगेंगे। हम काम करेंगे और वे सवाल करेंगे। ’’ उन्होंने दावा किया कि राज्य में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी सत्ता में फिर से लौटेगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगले जून तक, चावल और गेहूं बंगाल में मुफ्त बांटा जाएगा। हमारी सरकार बरकरार रहेगी और हम बंगाल के हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाएं एवं भोजन मुफ्त मुहैया करने की कोशिश करेंगे। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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