जीएसटी को लेकर व्यापारी डरे हुए हैं, लोग चिंतित हैं: सिसोदिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर चिंताओं का समाधान नहीं किया गया तो नई कर व्यवस्था से भारी अफरा-तफरी मच सकती है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर चिंताओं का समाधान नहीं किया गया तो नई कर व्यवस्था से भारी अफरा-तफरी मच सकती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से व्यापारी डरे हुए हैं, लोग चिंतित हैं। जीएसटी पर इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में सिसोदिया ने कहा, 'व्यापारी डरे हुए हैं। लोग चिंतित हैं।' जीएसटी लागू करने को लेकर संसद के केंद्रीय कक्ष में आज मध्यरात्रि में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
वित्त विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी का विचार काफी अच्छा है लेकिन उन्होंने इसको लागू करने के तरीके को लेकर केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार को एकीकृत कर उपाय लागू करने के लिये बेहतर तैयार करनी चाहिए थी।' सिसोदिया ने कहा, 'विशेष जीएसटी साफ्टवेयर का परीक्षण किया गया है। यह फूलप्रूफ नहीं हैं लेकिन वे उसे शुरू करने जा रहे हैं। मैं यह समझ नहीं पाया कि इतनी जल्दबाजी की जरूरत क्या थी। जीएसटी एक बढ़िया विचार है लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं।'
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि उन्हें जीएसटी में लोगों के लिये कोई लाभ नहीं दिखता। सिसोदिया ने कहा, 'जब आप बड़े कर सुधार की बात करते हैं, यह ऐसा होना चाहिए जिससे लोगों और व्यापारियों को लाभ हो। मुझे नहीं लगता कि लोगों या व्यापारियों को इससे लाभ होगा। व्यापारी डरे हुए हैं। लोग चिंतित हैं।' उन्होंने दाल, चप्पल और कपड़े जैसे घरेलू सामान पर कर लगाने को लेकर अप्रसन्नता जतायी। सिसोदिया ने कहा, 'यह पहला मौका है जब कपड़ों पर भी जीएसटी लगाया गया है। जीएसटी से केवल सरकार की आय बढ़ेगी और कीमतें निश्विचत रूप से बढ़ेंगी। 28 प्रतिशत कर से आम लोगों पर बड़ा बोझ पड़ेगा।' उन्होंने कहा कि अगर कर की दर कम होती, लोग खुशी-खुशी कर का भुगतान करते और काला बाजारी में कमी आती तभी जीएसटी के क्रियान्वयन का समारोह मनाने का मतलब होता।
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