मनमर्जी से सीलिंग को लेकर मेरी चिंताओं पर न्यायालय ने संज्ञान लिया: मनोज तिवारी

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[email protected] । Nov 22 2018 4:55PM

तिवारी ने एक बयान में कहा, ‘‘निगरानी समिति द्वारा मनमर्जी से सीलिंग किए जाने तथा अवैध कार्रवाइयों, जो हम उठाते रहे हैं, पर उच्चतम न्यायालय ने संज्ञान लिया।’’

नयी दिल्ली। दिल्ली भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में जारी सीलिंग अभियान में मनमर्जी से सीलिंग किए जाने को लेकर उनकी चिंताओं का संज्ञान लिया। न्यायालय ने गोकुलपुरी क्षेत्र में सीलिंग के तहत एक परिसर में लगाई गई सील तोड़े जाने के मामले में बृहस्पतिवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही बंद कर दी।

तिवारी ने एक बयान में कहा, ‘‘निगरानी समिति द्वारा मनमर्जी से सीलिंग किए जाने तथा अवैध कार्रवाइयों, जो हम उठाते रहे हैं, पर उच्चतम न्यायालय ने संज्ञान लिया।’’ न्यायालय ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में तिवारी को कानून अपने हाथ में लेने की जगह संयम बरतना चाहिए था और भीड़ को शांत करना चाहिए था। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि न्यायालय को तिवारी के व्यवहार से ‘‘काफी दुख’’ पहुंचा है।

तिवारी ने अपने शपथपत्र में कहा था कि घटनास्थल पर उत्पन्न स्थिति के चलते ‘‘सकारात्मक कार्रवाई’’ की जरूरत हो गई थी और उन्होंने विरोध के ‘‘प्रतीक’’ के रूप में सील तोड़ दी। तिवारी के खिलाफ ईडीएमसी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकलपुरी इलाके में कथित तौर पर एक परिसर की सील तोड़ने के लिये प्राथमिकी दर्ज कराई थी। न्यायालय ने 30 अक्टूबर को मामले में दलीलों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। उस दौरान तिवारी ने शीर्ष अदालत द्वारा गठित निगरानी समिति पर ‘दिल्ली के लोगों को आतंकित करने’ का आरोप लगाया था।

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