प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई इलाके जलमग्न
सदर तहसील में 15 मोहल्लों के 1130 लोग सात शरणार्थी शिविरों में ठहरे हुए हैं। उनके अनुसार जिले में बाढ़ से अब तक 5,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जिनके लिए बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
संगम नगरी प्रयागराज में पिछले तीन दिनों से गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके में घरों में पानी भर गया है जिससे प्रशासन को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ा है।
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) विनय कुमार सिंह के मुताबिक, रविवार शाम तक गंगा नदी के किनारे बसे फाफामऊ और छतनाग में जलस्तर 83.92 सेंटीमीटर पर पहुंच गया जो खतरे के निशान 84.73 सेंटीमीटर के नजदीक है। उनके अनुसार इसी तरह यमुना के किनारे बसे नैनी में जलस्तर 83.78 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है।
सिंह ने बताया कि जिले में कुल 27 नाव लगाई गई हैं जिनमें फूलपुर तहसील के बदरा सोनौटी गांव में छह नाव, करछना के भगेसर देहली गांव में एक नाव और नगर के दारागंज में तीन, बघाड़ा में 10 और राजापुर में सात नाव शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि सदर तहसील में 15 मोहल्लों के 1130 लोग सात शरणार्थी शिविरों में ठहरे हुए हैं। उनके अनुसार जिले में बाढ़ से अब तक 5,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जिनके लिए बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही जल पुलिस की टीम लगाई गई हैं।
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