उप्र में विपक्षी सदस्यों को मार्शल ने किया सदन से बाहर
विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिये एकजुट हुए समूचे विपक्ष ने आज उत्तर प्रदेश विधानसभा में जोरदार हंगामा किया। नतीजतन विधानसभा अध्यक्ष को मार्शल बुलाकर उन्हें बाहर कराना पड़ा।
लखनऊ। कानून-व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिये एकजुट हुए समूचे विपक्ष ने आज उत्तर प्रदेश विधानसभा में जोरदार हंगामा किया। नतीजतन विधानसभा अध्यक्ष को मार्शल बुलाकर उन्हें बाहर कराना पड़ा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी बसपा के साथ-साथ भाजपा, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और अपना दल के सदस्य बैनर और तख्तियां लेकर सदन के बीचों-बीच आकर हंगामा करने लगे। बसपा सदस्यों ने ‘दलितों पर अत्याचार नहीं चलेगा, नहीं चलेगा’ और कुछ अन्य नारे लिखी टोपियां पहनी थीं। वहीं, भाजपा ने कानून-व्यवस्था, बिजली और महिला सुरक्षा के मुद्दों को नारेबाजी के जरिये उठाया। रालोद सदस्यों ने भी गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठाया। वहीं पीस पार्टी सदस्य अयूब अंसारी ‘आदित्यनाथ के गुंडों को गिरफ्तार करो’ का नारा लिखा बैनर लिये देखे गये।
विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने शोरगुल कर रहे सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन हंगामा नहीं थमा। संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि सदन के बीचोबीच आकर हंगामा कर रहे विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये। ये सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के सदन में आने और कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सदन के बीचोंबीच आकर उसकी अवमानना कर रहे हैं।
संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा ‘‘वे (विपक्षी सदस्य) चीजों को साम्प्रदायिक रंग देकर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं। बसपा के सदस्य तो मीडिया में सस्ती लोकप्रियता पाने के लिये यह सब कर रहे हैं। यही वजह है कि वे हमें बैनर दिखाने के बजाय मीडिया को दिखा रहे हैं। इसी से उनके इरादे जाहिर हो जाते हैं।’’ इस बीच, हंगामा करने वाले सदस्यों को सदन से बाहर करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया और मार्शल को बुलाया गया। मार्शल ने जब उन्हें बाहर करने की कोशिश की तो वे एक-दूसरे से सट गये। जहां कुछ विधायकों ने मार्शल का विरोध किया, वहीं कुछ अन्य विधायक स्वेच्छा से सदन के बाहर चले गये।
बसपा के कुछ विधायकों को मार्शल का बलपूर्वक विरोध करते हुए देखा गया। संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने सम्बन्धित सदस्यों के इस रवैये को निन्दनीय करार दिया। उन्होंने कहा ‘‘ऐसा सदन में पहले कभी नहीं हुआ। कुछ विधायक मार्शल का बलपूर्वक विरोध कर रहे हैं।’’ विधानसभा अध्यक्ष पाण्डेय ने कहा कि उन्हें मजबूरन ऐसा सख्त कदम उठाना पड़ा जो उन्होंने पिछले साढ़े चार साल में नहीं उठाया था। इस पर खां ने कहा ‘‘बसपा और भाजपा सिर्फ खबर बनाने के मकसद से सदन में दुर्व्यवहार की होड़ कर रहे हैं।’’ सदन से बाहर किये जाने के बाद सम्बन्धित सदस्यों ने बाहर गलियारे में धरना-प्रदर्शन दिया।
हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ने पर संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा कि प्रतिपक्ष के बिना सदन अच्छा नहीं लगता, लिहाजा सदन से बाहर किये गये सदस्यों का निष्कासन रद्द करके वापस बुलाया जाए। सदन ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। इस पर कांग्रेस के सदस्य तो वापस आ गये लेकिन भाजपा, बसपा और सम्बन्धित अन्य सदस्य सदन के द्वार पर नारेबाजी करते रहे।
इसी बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिये 25 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया और विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने कार्यसूची पर आज के लिये निर्धारित विधायी कार्यों को पूरा करवाने के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिये स्थगित कर दी।
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