अनुसूचित जातियों के लिए मैट्रिक बाद छात्रवृत्ति योजना के वित्तपोषण में संशोधन होगा: गहलोत
थावरचंद गहलोत ने कहा कि अगर मसौदा प्रस्ताव पारित हुआ तो केंद्र सरकार योजना का 75 फीसदी हिस्सा वहन करेगी और शेष हिस्सा राज्य सरकारें करेंगी।
नयी दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को पदभार ग्रहण किया और कहा कि उनके मंत्रालय ने नये कोष साझा करने वाला सूत्र तैयार किया है जिसके तहत अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए मैट्रिक बाद छात्रवृत्ति योजना का अधिकतर वित्तीय बोझ केंद्र सरकार वहन करेगी। अभी तक योजना को प्रतिबद्ध देनदारी के आधार पर चलाया जा रहा है जिसके तहत अधिकतर वित्तीय बोझ राज्य सरकारें वहन करती थीं। राज्य सरकारें सीमित बजट के कारण मांग पूरा करने के लिए जूझती रही थीं।
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मंत्री ने कहा कि अगर मसौदा प्रस्ताव पारित हुआ तो केंद्र सरकार योजना का 75 फीसदी हिस्सा वहन करेगी और शेष हिस्सा राज्य सरकारें करेंगी। सूत्रों के मुताबिक प्रस्ताव पर मंत्रालय कैबिनेट नोट ला सकता है जो वर्तमान में खर्च वित्तीय समिति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। गहलोत को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय के एजेंडे में अगले एक सौ दिन में मैट्रिक बाद छात्रवृत्ति योजना के तहत तीन हजार करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान करना शामिल है।
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