जनता को नोटबंदी का कोई फायदा नहीं मिला, भाजपा माफी मांगे: मायावती
उन्होंने आरोप लगाया कि जहाँ एक तरफ इस नोटबन्दी ने आम आदमी की कमर तोड़ दी तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा एण्ड कम्पनी के तमाम चहेतों ने इसी बहाने अपने-अपने कालेधन को विभिन्न उपायों के माध्यम से बैंकों में जमा करके उसे सफेद कर लिया।
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का कहना है कि ‘नोटबंदी’ के सम्बन्ध में जो-जो फ़ायदे केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने जनता को गिनाये थे उनमें से किसी भी घोषित उद्देश्य की पूर्ति दो साल बाद भी नहीं हुई है ऐसे में उसे जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार 'वादाखिलाफी की सरकार’’ के रूप में ही हमेशा याद की जायेगी।
देश की जनता में बहुचर्चित व इनके लिये अति-दुखःदायी साबित होने वाली 'नोटबन्दी' की आर्थिक इमरजेन्सी के दो साल पूरे होने पर यहां जारी एक बयान में मायावती ने शुक्रवार को कहा कि नोटबन्दी देश व यहाँ की जनता के लिये भाजपा के अन्य वायदों की तरह ही एक पूरी तरह से और धोखा ही साबित हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जहाँ एक तरफ इस नोटबन्दी ने आम आदमी की कमर तोड़ दी तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा एण्ड कम्पनी के तमाम चहेतों ने इसी बहाने अपने-अपने कालेधन को विभिन्न उपायों के माध्यम से बैंकों में जमा करके उसे सफेद कर लिया। इतना ही नहीं स्वयं भाजपा ने भी पार्टी के तौर पर देशभर में अकूत सम्पत्ति अर्जित कर ली है, यह भी जनता की नजर में है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार थोपी गई नोटबन्दी की आर्थिक इमरजेन्सी एक व्यक्ति की अपनी मनमानी व अहंकार का नतीजा थी। इसीलिये इसे अपरिपक्व तरीके से लागू किये जाने के घोषित परिणाम अब तक नहीं आ पाये हैं और ना ही शायद कभी आ ही सकते हैं।
इसलिये भाजपा सरकार को अपना अहंकार त्यागकर देश की जनता से इस आर्थिक इमरजेन्सी व राष्ट्रीय त्रास्दी के लिये खुले दिल से माफी माँग लेनी चाहिये, यह बसपा की माँग है ताकि इस सम्बन्ध में आवश्यक सुधार का रास्ता थोड़ा साफ हो सके।
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