बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहती हैं मायावती: महेन्द्र नाथ पाण्डेय

Mayawati wants to save Bangladeshi intruders, says Mahendra Nath Pandey
[email protected] । Jul 31 2018 6:58PM

भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने असम के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज कहा कि जब असम में अवैध बंग्लादेशियों की घुसपैठ का मुद्दा जब जन-आंदोलन बना था तब मायावती का राजनीति में अता-पता भी नहीं था।

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने असम के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज कहा कि जब असम में अवैध बंग्लादेशियों की घुसपैठ का मुद्दा जब जन-आंदोलन बना था तब मायावती का राजनीति में अता-पता भी नहीं था। पाण्डेय ने कहा, 'कांग्रेस के साथ कदम से कदम मिलाते हुए बसपा सुप्रीमो बंग्लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहती हैं। अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर असम के सैकड़ों नौजवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास असम समझौता लागू करने की हिम्मत नहीं थी लेकिन भाजपा सरकार ने हिम्मत दिखाई और यह काम कर दिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार वोट बैंक के लालच में सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों की भी अनदेखी करती थीं लेकिन भाजपा सरकार ने न्यायालय की मंशा के अनुरूप बिना किसी तुष्टीकरण की राजनीति के उचित कदम उठाया है। असम की जनता की भावनाओं के अनुरूप और देश की सीमाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही असम सरकार और केन्द्र सरकार काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि न्यायालय की अवहेलना करने का बसपा प्रमुख का पुराना इतिहास रहा है। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में स्मारकों और मूर्तियों का निर्माण न्यायालय की रोक के बावजूद जारी रखा था, इसीलिए बसपा प्रमुख आज भी संवैधानिक संस्थाओं द्वारा दिए जाने वाले दिशानिर्देशों के खिलाफ खड़ी होने से गुरेज नहीं कर रही हैं। 

पाण्डेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों, पिछड़ों के बीच भाजपा का सम्पर्क संवाद लगातार बढ़ रहा है, जिससे मायावती भयभीत हैं। मोदी-योगी की सरकार द्वारा दलितों, पिछड़ों और गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं से भाजपा का जनाधार लगातार बढ़ रहा है, इसलिए पिछले लोकसभा चुनावों में शून्य पर रही बसपा के खिसकते जनाधार को बचाने के लिए मायावती राष्ट्रहित की भी अनदेखी करने से नहीं चूक रहीं।

उल्लेखनीय है कि बसपा प्रमुख मायावती ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से लाखों लोगों के नाम गायब होने को भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संकीर्ण और विभाजनकारी नीतियों का परिणाम बताते हुए कहा कि इस अनर्थकारी घटना से देश के लिये एक ऐसा उन्माद उभरेगा, जिससे निपट पाना बहुत मुश्किल होगा।

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